आज अचानक पुरे देश में उस वक़्त हलचल मच गयी जब सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी खुद सडकों पर औचक निरिक्षण के लिए निकल पड़े... कई जगह जहां सड़क बनायी जा रही थी.. जिसका टेंडर उनके मंत्रालय ने ही स्वीकृत किया था .. वहाँ खुद गए ...और साथ में कई लोग थे जो ये जांच कर रहे थे कि जो सड़क बनायी जा रही है उसमे किस गुणवत्ता के सामग्री का प्रयोग किया जा रहा हैं... वहीँ पर साथ गए इंजीनिअर ने जांच में मौके पर ही गलत सामग्री का प्रयोग पाया .. और उसी वक़्त कॉन्ट्रैक्टर पर केस दर्ज करते हुए जेल भेजने का आदेश जारी कर दिया .. ये खबर आग कि तरह पुरे देश में फ़ैल गयी और जितने भी सरकारी निर्माण हो रहे थे .. अचानक से वहाँ अच्छी सामग्री गिरने लगी है और उस जिले के डीएम सहित आला अधिकारी खुद जाकर जांच कर रहे है....क्यूंकि आज श्रीमान गडकरी जी ने हेलीकाप्टर में सवार हो
कर देश के चार अलग अलग हिस्सों में खुद औचक निरिक्षण किया और किसी को पता नहीं था कि वो किस शहर में कहाँ जांच करने वाले है ....... साथ ही उन्होंने कहा कि वो देश के सुदूर से सुदूर इलाके में भी कहीं भी औचक निरिक्षण के लिए जा सकते हैं
... और कहाँ जायेंगे ये गुप्त है... गलत पाए जाने पर सिर्फ कॉन्ट्रैक्ट ही कैंसिल नहीं होगा बल्कि उस कॉन्ट्रैक्ट को लेने वाले को जेल भी भेजा जाएगा... और जिले के सरकारी अधिकारियों से भी पूछताछ की जाएगी !
दोस्तों ये हैं मेरी (Hardik Savani and Nageshwar Singh Baghel) सोच ... ये काल्पनिक है.. पर ऐसे काम किया जा सकता है या नहीं .. ? सिर्फ एक दिन में हालत बदल सकते हैं या नहीं ? भ्र्स्ताचारियों में भय बिठाया जा सकता है या नहीं ? मैं मानता हूँ कि सिर्फ इस एक चाल (औचक निरिक्षण ) को चलने से पुरे हालत को सुधारा जा सकता है .