एक पौधे से उगाई 1000 लौकियां, खेती कर हर साल कमाते हैं 4 से 5 लाख रुपए! ताराचंद बेलजी वो शख्स से है, जिन्होंने आर्थिक तंगी के बावजूद जैविक खेती पर रिसर्च कर एक ऐसी तकनीक और खाद को इजाद की जिससे वे एक पौधे से 1000 से भी अधिक लौकियों का उत्पादन कर चुके हैं।
ये शख्स हैं मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में रहने वाले ताराचंद बेलजी। लगभग एक दशक से ताराचंद ने जैविक खेती पर रिसर्च और प्रयोग कर एक मिसाल कायम की है। हाल ही में टाटा केमिकल्स ने ताराचंद से पैलेट कम्पोस्ट और सजीव कम्पोस्ट तकनीक से बनाई गई जैविक खाद खरीदी है। अब खाद बनाने की तकनीक को जल्द ही टाटा केमिकल्स द्वारा अपनाया जाएगा।
रासायनिक खाद का विकल्प : ताराचंद का कहना है कि यह खाद किसानों के लिए यूरिया का विकल्प है। खाद के प्रयोग से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता और फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होती है। ताराचंद ने गिलकी, लौकी, पपीता समेत कई फसलों पर खाद का प्रयोग किया है। आज कई किसान इस तकनीक को आजमा रहे हैं।
हर साल कमाते हैं 4 से 5 लाख रुपए : नरसिंहपुर से पांच किमी की दूरी पर स्थित खमरिया गांव में ताराचंद का 22 एकड़ खेत है। फिलहाल उन्होंने अपने खेत में अमरुद, गेहूं, चना, मसूर आदि बोया है। यहां वे जैविक और अग्निहोत्र पद्धति से खेती करते हैं। जिससे वे साल भर में लगभग 4 से पांच लाख रुपए कमा लेते हैं। साभार: bhaskar.com

जैविक खेती का एक आसान तरीका. : जैविक खाद ( एक एकड़ खेत के लिए )
# एक ड्रम में नीचे लिखी पाँच चीजों को आपस में मिला लें.
१. १५ किलो गोबर ( गाय का, बैल का, या भैंस का )
२. १५ लीटर मूत्र ( गाय का, बैल का, या भैंस का )
३. १ किलो गुड़ ( कैसा भी चलेगा, जो सड़ गया हो आपके उपयोग का ना हो तो ज्यादा अच्छा )
४. १ किलो पिसी हुई दाल या चोकर (कैसा भी चलेगा, आपके उपयोग का ना हो तो ज्यादा अच्छा )
५. १ किलो मिट्टी ( किसी भी पुराने पेड़ के नीचे की पीपल, बरगद .... )
# अब इसे १५ दिन तक छाँव में रखो, और रोज सुबह शाम एक बार इसे मिला दो.
# १५ दिन बाद इसमें २०० लीटर पानी मिला दो, अब आपकी खाद तैयार हो गयी जो एक एकड़ खेत के लिए काफी है.
# इस जैविक खाद को हर २१ दिन के बाद खेत में डाल सकते है.
# अगर खेत खाली है तो सीधे खेत में इसे छिड़क दें. और अगर फ़सल खड़ी है तो पानी के साथ पटा दें !
# यह जैविक खाद आपके रासायनिक खाद ( यूरिया ... ) से ६ गुना ज्यादा ताकतवर है !
# इस जैविक खाद की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती है !
# इस जैविक खाद को इस्तेमाल करने से खेत को पानी की कम जरुरत पड़ती है !
जैविक जंतु नाशक ( एक एकड़ खेत के लिए )
# जिस खेत में यूरिया, डी ए पी आदि डाला जाता है, कीट उसी खेत में जाते हैं, आप जितना ज्यादा यूरिया, डी ए पी डालोगे कीट उतने ज्यादा आएंगे, इसलिए सबसे पहले रासायनिक खाद डालना बंद करें खेत में कीट आना कम होते जायेगा !
# एक ड्रम में नीचे लिखी चीजों को मिला कर उबालें !
१. २० लीटर मूत्र ( गाय का, बैल का, या भैंस का )
२. २.५ किलो नीम के पत्ते या निम्बोली पिस कर मिलाएं !
३. २.५ किलो सीताफल के पत्ते पिस कर मिलाएं !
४. २.५ किलो आकड़ा ( आक, अकौवा, अर्क मदार ) के पत्ते को पिस कर मिलाएं !
५. २.५ किलो धतुरे के पत्ते को पिस कर मिलाएं !
६. २.५ किलो बेल पत्र के पत्ते को पिस कर मिलाएं !
# इस घोल को खूब उबालें, उबालते समय इसमें करीब ०.५ किलो तम्बाकू का पाउडर मिला दें!
# खूब उबल जाये तो इसे ठंढा करके छान लें !
# अब इसे बोतल में या किसी और बर्तन में रख लें !
# अब जब भी इसका इस्तेमाल करना हो तो इसमें २० गुना पानी मिला कर छिड़के !
# छिड़कने के ३ दिन के अंदर सभी कीट मर जायेंगे !
बीज संस्कारित करने का तरीका ( १ किलो बीज के लिए )
# एक ड्रम में नीचे लिखी चीजों को मिलाएं !
१. १ किलो गोबर ( गाय का, बैल का, या भैंस का )
२. १ लीटर मूत्र ( गाय का, बैल का या भैंस का )
# अब इसमें १०० ग्राम कलई चूना मिलाना है, उसका तरीका है !
३. १०० ग्राम कलई चूना को २ से ३ लीटर पानी में डालकर रात भर छोड़ दें ! सुबह में जब चूना फूल जाये तो चूना और उसके पानी को घोल लें !
# अब ड्रम में जिसमें गोबर और मूत्र मिला हुआ है उसमें ये चुने का घोल मिला दें और इसे अच्छे से घोलें !
# अब कोई भी बीज जिसको संस्कारित करना हो उसे इस घोल में मिला कर रात भर ( ३ से ६ घंटे ) छोड़ दें !
# सुबह में बीज को घोल से निकाल लीजिए, और इसे छाँव में सुखा लीजिए !
# अब आपका बीज तैयार है इसे खेत में लगा दीजिए !
# इस संस्कारित बीज से आपको उत्पादन ज्यादा मिलेगा !
# और इस संस्कारित बीज पर कीट आसानी से नहीं लगेगा !
अनिल ठाकुर विद्रोही
ये शख्स हैं मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में रहने वाले ताराचंद बेलजी। लगभग एक दशक से ताराचंद ने जैविक खेती पर रिसर्च और प्रयोग कर एक मिसाल कायम की है। हाल ही में टाटा केमिकल्स ने ताराचंद से पैलेट कम्पोस्ट और सजीव कम्पोस्ट तकनीक से बनाई गई जैविक खाद खरीदी है। अब खाद बनाने की तकनीक को जल्द ही टाटा केमिकल्स द्वारा अपनाया जाएगा।
रासायनिक खाद का विकल्प : ताराचंद का कहना है कि यह खाद किसानों के लिए यूरिया का विकल्प है। खाद के प्रयोग से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता और फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होती है। ताराचंद ने गिलकी, लौकी, पपीता समेत कई फसलों पर खाद का प्रयोग किया है। आज कई किसान इस तकनीक को आजमा रहे हैं।
हर साल कमाते हैं 4 से 5 लाख रुपए : नरसिंहपुर से पांच किमी की दूरी पर स्थित खमरिया गांव में ताराचंद का 22 एकड़ खेत है। फिलहाल उन्होंने अपने खेत में अमरुद, गेहूं, चना, मसूर आदि बोया है। यहां वे जैविक और अग्निहोत्र पद्धति से खेती करते हैं। जिससे वे साल भर में लगभग 4 से पांच लाख रुपए कमा लेते हैं। साभार: bhaskar.com

जैविक खेती का एक आसान तरीका. : जैविक खाद ( एक एकड़ खेत के लिए )
# एक ड्रम में नीचे लिखी पाँच चीजों को आपस में मिला लें.
१. १५ किलो गोबर ( गाय का, बैल का, या भैंस का )
२. १५ लीटर मूत्र ( गाय का, बैल का, या भैंस का )
३. १ किलो गुड़ ( कैसा भी चलेगा, जो सड़ गया हो आपके उपयोग का ना हो तो ज्यादा अच्छा )
४. १ किलो पिसी हुई दाल या चोकर (कैसा भी चलेगा, आपके उपयोग का ना हो तो ज्यादा अच्छा )
५. १ किलो मिट्टी ( किसी भी पुराने पेड़ के नीचे की पीपल, बरगद .... )
# अब इसे १५ दिन तक छाँव में रखो, और रोज सुबह शाम एक बार इसे मिला दो.
# १५ दिन बाद इसमें २०० लीटर पानी मिला दो, अब आपकी खाद तैयार हो गयी जो एक एकड़ खेत के लिए काफी है.
# इस जैविक खाद को हर २१ दिन के बाद खेत में डाल सकते है.
# अगर खेत खाली है तो सीधे खेत में इसे छिड़क दें. और अगर फ़सल खड़ी है तो पानी के साथ पटा दें !
# यह जैविक खाद आपके रासायनिक खाद ( यूरिया ... ) से ६ गुना ज्यादा ताकतवर है !
# इस जैविक खाद की कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती है !
# इस जैविक खाद को इस्तेमाल करने से खेत को पानी की कम जरुरत पड़ती है !
जैविक जंतु नाशक ( एक एकड़ खेत के लिए )
# जिस खेत में यूरिया, डी ए पी आदि डाला जाता है, कीट उसी खेत में जाते हैं, आप जितना ज्यादा यूरिया, डी ए पी डालोगे कीट उतने ज्यादा आएंगे, इसलिए सबसे पहले रासायनिक खाद डालना बंद करें खेत में कीट आना कम होते जायेगा !
# एक ड्रम में नीचे लिखी चीजों को मिला कर उबालें !
१. २० लीटर मूत्र ( गाय का, बैल का, या भैंस का )
२. २.५ किलो नीम के पत्ते या निम्बोली पिस कर मिलाएं !
३. २.५ किलो सीताफल के पत्ते पिस कर मिलाएं !
४. २.५ किलो आकड़ा ( आक, अकौवा, अर्क मदार ) के पत्ते को पिस कर मिलाएं !
५. २.५ किलो धतुरे के पत्ते को पिस कर मिलाएं !
६. २.५ किलो बेल पत्र के पत्ते को पिस कर मिलाएं !
# इस घोल को खूब उबालें, उबालते समय इसमें करीब ०.५ किलो तम्बाकू का पाउडर मिला दें!
# खूब उबल जाये तो इसे ठंढा करके छान लें !
# अब इसे बोतल में या किसी और बर्तन में रख लें !
# अब जब भी इसका इस्तेमाल करना हो तो इसमें २० गुना पानी मिला कर छिड़के !
# छिड़कने के ३ दिन के अंदर सभी कीट मर जायेंगे !
बीज संस्कारित करने का तरीका ( १ किलो बीज के लिए )
# एक ड्रम में नीचे लिखी चीजों को मिलाएं !
१. १ किलो गोबर ( गाय का, बैल का, या भैंस का )
२. १ लीटर मूत्र ( गाय का, बैल का या भैंस का )
# अब इसमें १०० ग्राम कलई चूना मिलाना है, उसका तरीका है !
३. १०० ग्राम कलई चूना को २ से ३ लीटर पानी में डालकर रात भर छोड़ दें ! सुबह में जब चूना फूल जाये तो चूना और उसके पानी को घोल लें !
# अब ड्रम में जिसमें गोबर और मूत्र मिला हुआ है उसमें ये चुने का घोल मिला दें और इसे अच्छे से घोलें !
# अब कोई भी बीज जिसको संस्कारित करना हो उसे इस घोल में मिला कर रात भर ( ३ से ६ घंटे ) छोड़ दें !
# सुबह में बीज को घोल से निकाल लीजिए, और इसे छाँव में सुखा लीजिए !
# अब आपका बीज तैयार है इसे खेत में लगा दीजिए !
# इस संस्कारित बीज से आपको उत्पादन ज्यादा मिलेगा !
# और इस संस्कारित बीज पर कीट आसानी से नहीं लगेगा !
अनिल ठाकुर विद्रोही