जो एक साल बीता है, वह जन अपेक्षाओं की संतुष्टि का है।



मनोज रतन : देश एक साल में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। जिस आशा से इस देश की जनता ने हमें जनादेश दिया था उससे ज्यादा काम करके 5 साल बाद फिर से जनता के बीच जाएंगे। जो एक साल बीता है, वह जन अपेक्षाओं की संतुष्टि का है। स्वच्छता अभियान, नमामि गंगा, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ जैसी कई योजनाओं को हमने जनांदोलन में तब्दील किया है।

एक हाथ में सरकार की एक साल की उपलब्धियां और दूसरे हाथ में ध्वज लिए घर-घर जाएं, जागृति लाएं। और उन्हें बताएं कि आपकी सरकार देश को गौरव दिलाने का काम कर रही है। 26 मई से 1 जून तक इस सरकार का एक सप्ताह हम मनाने वाले हैं, जनकल्याण सभा मनाने वाले हैं। सभी कार्यकर्ता इसमें जुट जाएं और बिना किसी माध्यम के सीधे जनता तक पहुंच बनाने की आदत डालें।

सुप्रीम कोर्ट ने यूपीए के समय एसआईटी गठन का निर्देश दिया था लेकिन डेढ़ साल तक नहीं हुआ। एनडीए ने पहली कैबिनेट में पहला निर्णय एसआईटी गठन का लिया। हमने डेढ़ माह में सूची एकत्रित कर एसआईटी को दी। हमने इसके लिए कानून भी बनाकर सजा निर्धारित कर दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 68 में 60 साल शासन किया लेकिन न तो काले धन वापस लाने का काम किया और न बाहर जाने से रोकने का ही काम किया। उन्होंने कहा कि जिसने 60 साल तक कुछ नहीं किया उन्हें एक साल का हिसाब मांगने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कांग्रेस से अपील करते हुए कहा कि वे पहले 60 साल का हिसाब देश की जनता को दे कि उन्होंने काले धन पर क्या किया?



                            


यदि बेरोजगारी का समाधान कर लेते हैं तो गरीबी अपने आप दूर हो जाएगी। बेरोजगारी दूर करने के लिए मोदी सरकार ने अनेक प्रयास किए हैं। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्किल डेवलपमेंट’ से बेरोजगारी दूर करने में ये दोनों पहल बेहद कारगर साबित होंगी। मुद्रा बैंक का से कृषि पर निर्भरता कम करने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुद्रा बैंक की योजना शुरू की। मुद्रा बैंक के जरिए 10 हजार से 10 लाख का लोन उपलब्ध कराने की योजना है।
पहले कुदरती आपदा आती थी तो किसानों को सही मुआवजा नहीं मिलता था। हमने पहले के 50 फीसदी नुकसान के साथ-साथ 33 फीसदी नुकसान पर भी मुआवजा देना तय किया है। हमने सहायता राशि भी बढ़ाई है। पहले यदि 100 रूप्या सहायता राशि मिलती थी उसे अब 150 रूप्या कर दिया गया है।