Reuters reported from Astana,Kazakhstan that Nursultan Nazarbayev said, "Kazakhstan to supply 5,000 tonnes uranium to India in 2015-19"
Kazakhstan, the world's largest producer of uranium, will supply a total of 5,000 tonnes of the radioactive fuel to India in the 2015-19 period, Kazakh President Nursultan Nazarbayev said on Wednesday.
India needs foreign nuclear technology and fuel to ramp up capacity by a planned 14 times from 4,560 megawatts over the next two decades.
Indian Prime Minister Narendra Modi, who is visting the Kazakh capital, has made nuclear power a key element of of his clean energy strategy, and in January announced a pact with US President Barack Obama to help clear a logjam of stalled projects. No further details of the agreement were immediately available.

भारत और कजाकिस्तान ने रक्षा, रेलवे तथा यूरेनियम आपूर्ति सहित पांच क्षेत्रों से संबंधित समझौतों पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कजाकिस्तान के राष्ट्रपति नुरसुल्तान नजरबायेव के बीच मुलाकात के दौरान हुआ। वार्ता के बाद साझा बयान में मोदी ने कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि कजाकिस्तान के राष्ट्रपति ने भारतीय निवेश के लिए अतिरिक्त ब्लॉक देने पर विचार करने के उनके अनुरोध पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा, ‘हम इस बात से खुश हैं कि कजाकिस्तान से यूरेनियम खरीदने तथा हमारे असैन्य परमाणु सहयोग को बढ़ाने पर दूसरा बड़ा समझौता हो गया है।’ मोदी ने कहा, ‘कजाकिस्तान इस क्षेत्र में हमारा सबसे बड़ा आर्थिक साझेदार है। हम आर्थिक संबंध को नए स्तर पर ले जाने के लिए साथ काम करेंगे।’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप के ट्वीट के अनुसार मोदी ने कहा, ‘हम दोनों सहमत है कि संपर्क महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसका हम दोनों निदान ढूंढेंगे।’

मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तथा कांप्रिहिंसिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेररिजम (सीसीआईटी) में भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर कजाकिस्तान के समर्थन पर आभार जताया। स्वरूप ने लिखा, ‘दोनों नेताओं ने हाइड्रोकार्बन, असैन्य परमाणु ऊर्जा, मानव संसाधन, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और क्षमता निर्माण से जुड़े समझौते का स्वागत किया।’’ दोनों पक्षों के बीच अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा की रूपरेखा बनाने तथा सड़क संपर्क में सुधार के लिए द्विपक्षीय पहल पर साथ काम करने की सहमति बनी।
संयुक्त बयान के मुताबिक, दोनों नेताओं ने रक्षा तथा सैन्य-तकनीक सहयोग संबंधी समझौते का भी स्वागत किया। बयान के अनुसार, ‘दोनों नेताओं ने बिजनेस फोरम तथा संयुक्त व्यवसायिक परिषद का गठन किए जाने का स्वागत किया।’ इसके मुताबिक, ‘राष्ट्रपति नजरबायेव ने क्षेत्रीय तथा वैश्विक मामले में भारत के महत्व को रेखांकित किया और शांति तथा स्थायित्व में इसके योगदान की सराहना की।’