सौरभ भारद्वाज : खा गया मोदी जी के रणनीतिकार डोबाल साहब को पता था की रुश और चीन जैसे देशो की मौजूदगी में पाकिस्तान इतने कम समय में भी बातचीत के लिए मना नहीं कर पाएगा।
अब यही से डोबाल साहब ने गेम खेलना शुरू किया , भारत चाहता था की बातचीत के मुद्दो वो खुद तय करे ताकि पाकिस्तान उन्ही मुद्दो पर बात करे जिसे भारत सुनना चाहता है। और वही हुआ इतिहास में पहली बार भारत और पाकिस्तान के ज्वाइंट स्टेटमेंट में पाकिस्तान ने "कश्मीर" का मुद्दा नहीं उठाया। पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा , बलूचिस्तान में रॉ की इन्वॉलमेंट , कराची में MQM को कथित रॉ की मदत , पानी का मुद्दा जैसे पाकिस्तान के बहुत ही अहम मुद्दे पाकिस्तान उठा ही नहीं पाया जिसके लिए पाकिस्तान की मिडिया नवाज शरीफ के पीछे पड़ गई है। यह बिलकुल ऐसा था जैसे पाकिस्तान बोल रहा है लेकिन शब्द भारत के थे। वही दूसरी तरफ मोदी जी ने पाकिस्तान के सामने भारत के सभी मुद्दे रख दिए अब आगे की बातचीत में "कश्मीर" मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं होगी। कांग्रेस के दलाल तो कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के सामने घुटने टेक देते थे जैसे सोनिया गांधी ने दहेज़ में साथ लाया हो।
मोदी जी भारत का नैत्रुत्व कर रहे पर, इस फोटो से ऐसा लगता है जैसे वो पुरे
विश्व के लिड़र के रूप मे अपना किरदीर निभा रहे हो.!कुदरती शक्ति है मोदी जी मे, जो भी उनसे
मिलता है इसकी आधी शक्ति मोदी जी अपने मे समा लते है , उस पर अपना प्रभुत्व छोड़ देते है,
मतलब कि सामने वाला मोदी जी का मुरिद बन जाता है.!
