वर्ष 1962 भारत-चीन युद्ध : भारत :- सैनिक - 10,000 से 12,000, शहीद - 1383, घायल - 1047, लापता - 1696, बंदी - 3968
परिणाम : - भारत, चीन से हार गया | चीन अभी तक सुधरा भी नहीं है | लेकिन हमें क्या ? 53 वर्ष पहले की बात भूल कर हम तो चीनी सामान खरीदेंगे | उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत करेंगे | "सैनिक तो होते ही मरने के लिए है" नेता बोल ही देते है |
हमारी आत्मा कहती है मर जाएंगे क्या हम बिना चीनी वस्तुओं के ? अगर नहीं तो याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर ना आए और सीखो जापान जैसे देशों से काफी समय पहले की बात है अमेरिका और जापान में आपसी व्यापार बिलकुल न के बराबर था | अमेरिका ने काफी जोर देकर जापान की सरकार से कहा की जो आपके यहाँ संतरा (orange) होता है | हम उससे काफी सस्ता और दिखने में अच्छा संतरा आपको दे सकते है | जापान की सरकार ने अमरीका के दबाव की वजह से क्रय करना पड़ा |
जब वो संतरा जापान के बाज़ारों में बिकने के लिए पहुंचा (आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि जापानी संतरा खाने में कड़वा होता था और जो अमेरिका वाला संतरा था वो खाने में अच्छा भी था) तो जब वो अमरीका वाला संतरा जापानी बाज़ारों में आया तो किसी ने नहीं खरीदा | पता है क्यों नहीं खरीद | जापानी लोगो ने कहा कि चाहे मेरे देश का संतरा कड़वा और महंगा है | पर है तो हमारे देश का ही | हम इसे ही खरीदेंगे | तो वो बाकी का करोड़ो रूपये का संतरा सरकार के पास पडा पड़ा ही सड़ गया | तो ये होती है राष्ट्रभक्ति मेरे भाइयों | कुछ सीखो छोटी आँख वाले जापानियों से हमारी तो आँखे भी बड़ी है और दिल भी.! Sanjay Dwivedy
केन्द्र सरकार ने रक्षा क्षेत्र में उत्पादन के लिए 56 नए लाईसेंस टाटा, महिंद्रा और पीपावाव कम्पनी को दिए हैं . . .
टाटा कम्पनी होवित्ज़र तोपों के पार्ट्स . . T-72, T-90 टैंकों के निर्माण में भागीदारी करेगी .
जबकि महिंद्रा नौसेना के टोरपीडो क्षेत्र में . . .
टेक-महिंद्रा सेना के संचार एवं नेटवर्किंग में . .
जबकि पीपावाव कम्पनी सेन्सर्स और मध्यम दूरी की मिसाईल निर्माण में भागीदार होंगे . . .
लाईसेंस का यह आवेदन पिछले पाँच वर्ष से UPA-2 सरकार के रक्षा मंत्रालय में धूल खा रहा था . . .
अब ये तीनों कम्पनियाँ प्लांट लगाकर उत्पादन शुरू करेंगी . . जिसमें दो साल और लगेंगे . . .
लेकिन फिर भी उम्मीद की जाती है कि सरकार इसी रफ्तार से काम करती रही तो
अगले दस वर्ष के बाद भारत को बहुत से रक्षा उपकरण और कलपुर्जे आयात नहीं करने पड़ेंगे . .
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चित्र में आप जो देख रहे है इसमें हमारे गुडगाँव जिले के पहले रिटेलर भाई सुभाष भारतीय जी ह। सुभाष भाई की कार्य शैली,विचारधारा और देश के लिए कुछ करने की इच्छाशक्ति को मै नमन करता हूँ !नमो इंडिया टीम को सुभाष भाई जैसे ही बिज़नसमैन/रिटेलर की जरूरत है जिनकी कार्य शैली में हम देशभगती की भावना को देख सके। "नमो इंडिया स्वदेशी ब्रांड" की frenchiz और रिटेलर बनने के लिए दिए गए नम्बर पर कॉल करे ! नमो इंडिया स्वदेशी ब्रांड,मार्केटिंग मैनेजर नार्थ इंडिया !संदीप हिंदुस्तानी:-09467636327