
~~~ " संसद सत्र की कार्यवाही मेँ , विरोध करना , बहिष्कार करना ----- विपक्षी दलोँ का ये तो उचित माध्यम और अधिकार है, ...... मगर संसद को जानबूझकर और् बलपूर्वक न चलने देना ... यह किसी भी रूप मेँ सही नहीँ ठहराया जा सकता है .. !!
.... विपक्ष कांग्रेस पार्टी -- विशेषकर राहुल गान्धी की स्वयँ की हठधर्मिता का एकमात्र उद्देश्य -- अपने आप को भावी "पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष" के रूप मेँ योग्य दर्शाना और सिद्ध करना चाहते हैँ ..! !..........
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.. हे ... भगवान ...... तू जहाँ भी हो ..... जल्दी से आकर , राहुल गान्धी की यह मनोकामना पूरी करे ...जिससे अबकी आगामी लोकसभा चुनाव मेँ ..... 44 के बदले ... 4 सीटेँ भी न मिलेँ !!
.... एक बात तो रह ही गयी , ..... जिन जिन सांसदोँ ने जानबूझकर बलपूर्वक संसद नहीँ चलने दी ..... जिसके कारण लोकसभा सचिवालय की आर्थिक क्षति-पूर्ति उन्हीँ सांसदोँ के खातोँ से कराये जाने की भी व्यवस्था होनी चाहिए .....और आगामी सत्रोँ मेँ बहस और चर्चा के लिए और अधिक दिन निर्धारित किए जाने चाहिए ..... !!
...... वन्दे मातरम .... !!.................Rakesh Sharma
