Pages

नीतीश की सोच में गड़बड़ है, सत्ता पाने के लिए एक अपराधी को गले लगाने की कहां आवश्यकता थी ?




बिहार की बर्बादी के आसार खत्म होने के आसार नज़र आ रहे हैं। बिहारी जनता ने फिर से अराजकता के अंधकार में भटकने का इरादा छोड़ दिया है। बिहार अब जाग रहा है। लालू-नीतश की बैमेल अवसारवादी जोड़ी जनता को जच नहीं रही है। इस जोड़ी का साथ कांग्रेस दे रही है, जिसे भारत की जनता आज खलनायक की तरह देख रही है। जनता ने मानस बना लिया है- जो कांग्रेस का साथ देगा, वह हमारे वोट से वंचित रहेगा। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए कांग्रेस ने संसद ठप्प कर अक्षम्य अपराध किया है।

जीएसटी बिल पास होने पर यदि महंगार्इ पर विराम लगता है, तो इसका लाभ करोड़ो भारतीयों को होगl। कांग्रेस ने करोड़ो भारतीयों के साथ दगाबाजी की है। किन्तु जिन राजनीतिक दलों ने कांग्रेस के अलोकतंत्री और जनविरोधी कार्यों में सहयोग दिया है, वे भी दोषी है। बिहार की जनता सभी राजनीतिक दलों से गिन-गिन कर बदला लेगी।


नीतीश की सोच में गड़बड़ है, खुदा न करें मतदान की तिथि के पहले ही लालू की जमानत की अर्जी खारिज हो जाय और उन्हें फिर जेल जाना पड़े। ऐसी स्थिति में चुनावी ढोल बजते ही मातम पसर जायेगा। नीतीश और लालू मन ही मन एक दूसरे को कोसेंगे, पर गले मिल कर रोयेंगें। कांग्रेस सड़को पर दहाड़ेगी । यदि ऐसा होगा तो क्या यह नीतीश कुमार की गंदी सोच का परिणाम नहीं होगा ? उन्हें सत्ता पाने के लिए एक अपराधी को गले लगाने की कहां आवश्यकता थी ?...............Kuldeep Mehta