ये बड़े बड़े इस्लामिक संगठन चीन के खिलाफ चूं करने की भी औकात नहीं रखते !


अनिल ठाकुर विद्रोही : · चमत्कार देखिये , चीन ने इस्लाम की कमर तोड़ रखी है , बेन पर बेन , दाढ़ी नहीं रख सकते , बुरखा नहीं पहन सकते , खुले में नमाज़ नहीं पढ़ सकते , जीना हराम कर रखा है , पर ये बड़े बड़े इस्लामिक संगठन चीन के खिलाफ चूं करने की भी औकात नहीं रखते !!
चमत्कार देखिये, की अपने ये देसी वामपंथी जो सांस तक अपने पप्पा बोले तो चीन से पूछकर लेते हैं , पर भारत में जेहादियों , आतंकियों के पक्ष में केंडल मार्च निकाल रहे हैं !!चमत्कार देखिये , पश्चिम में चर्च और इस्लाम का छत्तीस का आंकड़ा है , दोनों एक दूसरे को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानते हैं , पर भारत में उनका नेता जॉन दयाल याकूब से लेकर अफज़ल गुरु का पैरोकार बनकर उभरता है !!चमत्कार देखिये , वामपंथियों की अमेरिका से जनम जनम की दुश्मनी है , पर 99 फीसदी अमेरिकन चंदे पर पलने वाले एनजीओ पर वामपंथियों का कब्ज़ा है और जिनका एकमात्र मकसद भरतीय समाज को छिन्न भिन्न करना है !!

चमत्कार देखिये , लालू , मुलायम , नितीश , केजरीवाल और कांग्रेस सब एक दूसरे के धुर विरोधी थे पर आज सब एक साथ चुनाव लड़ने को तैयार बैठे हैं !!चमत्कार देखिये की आज भी सामान्य शांतिप्रिय हिन्दू को ये नेक्सस समझ नहीं आ रहा की आखिर ये मचान , ये बकरी , ये बन्दूक , ये शिकारी सब किसके इंतज़ार में हैं !!

      

मैं यहाँ हिन्दुओं को मारने आया हूँ ! मुझे ऐसा करने में मजा आता है ---: कासिम खान (पाकिस्तान आतंकी) !दोष इनका नहीं है बल्कि इनकी ''आसमानी किताब'' का दोष है ! इनके दिमाग में बचपन से ही आसमानी किताब द्वारा काफिरों के प्रति जहर भरा जाता है उनसे यही आशा की जा सकती है !.........Nageshwar Singh Baghel

छी छी मौसी, 'मुसलमान' और आतंकवादी???...........ना मौसी ना....एकदम 'पाक' है अपना मुसलमान..अब कभी कभी 72 हूरों के लालच में भटक जाता है तो इसमें क्या गलत है...कभी कभार जिहादी बन के कुछ मासूमों को मार देता है बस और कुछ नही...मौसी, अब हाफिज सईद जैसे लोग हाथ में AK47 पकड़ा दें तो कोई उससे गुल्ली डंडा तो खेलेगा नही ना??
कभी-कभी बस आसमानी किताब पढ़कर निकल जाता है काफिरों को मारने...बाकि वैसे बहुत शांतिप्रिय है अपना मुसलमान..!!!!!....................Shankar Deshpremi