चमत्कार देखिये, की अपने ये देसी वामपंथी जो सांस तक अपने पप्पा बोले तो चीन से पूछकर लेते हैं , पर भारत में जेहादियों , आतंकियों के पक्ष में केंडल मार्च निकाल रहे हैं !!चमत्कार देखिये , पश्चिम में चर्च और इस्लाम का छत्तीस का आंकड़ा है , दोनों एक दूसरे को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानते हैं , पर भारत में उनका नेता जॉन दयाल याकूब से लेकर अफज़ल गुरु का पैरोकार बनकर उभरता है !!चमत्कार देखिये , वामपंथियों की अमेरिका से जनम जनम की दुश्मनी है , पर 99 फीसदी अमेरिकन चंदे पर पलने वाले एनजीओ पर वामपंथियों का कब्ज़ा है और जिनका एकमात्र मकसद भरतीय समाज को छिन्न भिन्न करना है !!