

जो राजनेता इन दिनों पूरी ताकत से श्री नरेन्द्र मोदी का विरोध कर रहे हैं, उन्हें अपने भाग्य और भविष्य की चिंता सता रही है, जिन्हें शासन करने का भरपूर अवसर भारतीय जनता ने दिया, किन्तु वे अवसरों का लाभ उठाने में असफल रहें, परन्तु अयोग्यता और अक्षमता की छाप छोड़ने के बाद भी वे फिर सत्ता पाने के लिए तड़फ रहे हैं, इसका कारण सत्ता उनके लिए सेवा नहीं, धन और अधिकार पाने का जरिया रही हैं, जिसे वे पुन: पाना चाहते हैं। किन्तु अब भारत के नागरिकों को शासक नहीं, सेवक सत्ता पर आसीन है!!.............Sunil M Gupta

सोनिया गांधी ने डॉ अब्दुल कलाम को क्यों नहीं दी श्रद्धांजलि ?
ऐ. पी. जे. अब्दुल कलाम को प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की NDA की सरकार ने राष्ट्रपति बनवाया था ।
2004 में जब ऐ. पी. जे. अब्दुल कलाम ने सोनिया गाँधी को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलवाने से इंकार कर दिया था, तो सोनिया गाँधी को मजबूरी में मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाना पड़ा था ।
जब राष्ट्रपति ऐ. पी. जे. अब्दुल कलाम का कार्यकाल समाप्त होने को था, तब NDA ने फिर से ऐ. पी. जे. अब्दुल कलाम का नाम आगे बढ़ाया तो सोनिया गाँधी ने ऐ. पी. जे. अब्दुल कलाम के नाम को अस्वीकार कर दिया, क्योंकि 2004 में राष्ट्रपति ऐ. पी. जे. अब्दुल कलाम ने सोनिया गाँधी को भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलवाने से इंकार कर दिया था ।
सोनिया गाँधी ने एक विश्वप्रसिद्ध मिसाइलमेन, विज्ञानप्रेमि, न्युक्लियर वेज्ञानिक, भारतीय जनता के प्रिय राष्ट्रपति ऐ. पी. जे. अब्दुल कलाम को दुबारा राष्ट्रपति नहीं बनने दिया, और उनके स्थान पर अपने परिवार की निष्ठावान, स्वामीभक्त महिला, प्रतिभा ताई पाटिल को राष्ट्रपति बना दिया ।सोनिया गाँधी ने भारत को एक उत्क्रष्ट राष्ट्रपति से वंचित करके अपनी और इंदिरा गाँधी की घर मैं रसोई करनेवाली को भारत का राष्ट्रपति मनोनित करवा दिया ।
Nageshwar Singh Baghel कहते है सोनिया गाँधी भारत के लिए किसी दुर्भाग्य से कम नहीं है । सोनिया गाँधी ने प्रतिभाशाली राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के स्थान पर, एक रीढ की हड्डी से विहीन, कठपुतली, रिमोट से चलने वाले खिलोने के जैसे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भारत पर थोपे थे ।इसीलिए सोनिया गाँधी भारत के लिए किसी दुर्भाग्य से कम नहीं है, जो की एक सौ एक प्रतिशत सच है ।जितनी जल्दी इस दुर्भाग्य से भारत को छुटकारा मिल जाये उतना ही भारत के लिए अच्छा है ।

Attitude makes lot of difference. A prime minister Narendra Modi ji touches feet of the elder Brother of President Kalam.......And a person like Congress V.P. Rahul Gandhi laughs out, treating Kalam's elder brother as one of his Praja in his kingdom.

AND AFTER ALL THESE CONGRESS IS NOW RACING WITH THE LEFT TO REACH THE BELOW STATUS FAST, WHILE THE ARROGANT LEADERSHIP OF MOTHER-SON IS UNAWARE OF GROUND POSITION,AS OFTEN MISLED BY THE ORGANISED TEAM UNDER CONGRESS WORKERS.
