पिछले एक साल का रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने पेश करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनभागीदारी के साथ 2022 तक एक प्रखर, प्रबल और हर पहलू पर मजबूत भारत का लक्ष्य दिया है। आपसी सद्भाव पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अगर देश की एकता बिखर जाए तो सपने भी चूरचूर हो जाते हैं। जातिवाद के जहर को, सांप्रदायिकता के जुनून को किसी भी रूप में जगह नहीं देनी है। देश की सवा सौ करोड़ जनता को टीम इंडिया बताते हुए उन्होंने हर चुनौती को पार करने की आशा जताई, तो यह भरोसा भी दिलाया कि उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार का कोई दाग नहीं है। वह सुनिश्चित करेंगे कि देश के हर हिस्से से इसका सफाया हो। इसकी शुरुआत ऊपर से ही होगी।
स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से मोदी का भाषण थोड़ा अलग था। नई योजनाओं की घोषणाओं से परे यह एक रिपोर्ट कार्ड था। एक तरह से इसका संकेत भी था कि शायद हर साल मोदी अब कुछ इसी अंदाज में बताएंगे कि उनकी जवाबदेही जनता से है। परोक्ष रूप से यह उन आलोचकों और विरोधियों को जवाब देने का तरीका भी होगा जो सरकार के प्रदर्शन पर सवाल उठा रहे हैं। लगभग डेढ़ घंटे के भाषण में उन्होंने बारी-बारी से जनता को याद दिलाया कि उनकी भागीदारी बनी रहेगी। अपनी पीठ थपथपाते हुए बताया कि जो कहा था वह किया। विपक्ष और आलोचकों को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बीमार भी दूसरों को स्वस्थ रहने के टिप्स देने से बाज नहीं आते हैं।
पिछले कुछ दिनों में सांप्रदायिकता और भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा थोड़ी गर्म रही है। लिहाजा प्रधानमंत्री के भाषण की शुरुआत भी इसी से हुई। देश की एकता को सबसे बड़ी पूंजी बताते हुए उन्होंने कहा कि जातिवाद और संप्रदायवाद के जुनून को विकास की अमृतधारा से मिटाना होगा। परोक्ष रूप से यह बिहार चुनाव के लिए भी संदेश था, जहां कुछ दिन पहले भी वह जातिवाद के जहर की बात कर चुके हैं। वहीं भ्रष्टाचार की बात कर रहे विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग खुद भ्रष्टाचार से पीड़ित हैं वह भी सीख दे रहे हैं। मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार व्यवस्था का हिस्सा बन गया है। लेकिन एक साल में सरकार पर कोई दाग नहीं लगा है। भारत भ्रष्टाचार मुक्त देश हो सकता है। उन्हें इसका अनुभव है और ऊपर से ही शुरू करना पड़ता है। उन्होंने काला धन लाने के लिए बनाए गए एसआइटी का जिक्र किया और परोक्ष रूप से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के उस आरोप का भी जवाब दे दिया, जिसमें उन्होंने सरकार की निष्क्रियता की बात कही थी। मोदी सरकार ने टीम इंडिया का दायरा भी बढ़ा दिया है। पहले केंद्र और राज्य सरकारों को टीम इंडिया का हिस्सा माना गया था। अब मोदी की टीम इंडिया में सभी सवा सौ करोड़ देशवासी शामिल हो गए हैं। जाहिर है कि सरकार की योजनाओं की सफलता का जिम्मा भी सामूहिक रूप से सभी को उठाना होगा। विकास के पिरामिड में मोदी ने पिछड़े, दलित, शोषित, वंचित, उपेक्षित को आधार बनाया और कहा कि इसे मजबूत कर ही देश आगे बढ़ सकता है।..................Rahul Jain



