बी एस फ जवान राकी ने कहा था, "कभी आमना सामना हो गया तो आन्तकियो को छोडूंगl नहीं "...जो कहा वो वादा पूरा किया !

कभी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वयंसेवी रहा रॉकी के घर में एक बिन ब्याही बहन और एक भाई है जो बेरोजगार है ।रॉकी अपने परिवार का एक मात्र कमाने वाला सदस्य था । जम्मू संभाग में सुरक्षाबलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने की साजिश कश्मीर में आतंकियों के स्लीपर सेल में रची गई थी।अगर कश्मीर के अंवतीपोरा में तैनात 59 बटालियन का रॉकी त्वरित कार्रवाई करते हुए आतंकी को ढेर नहीं कर देता तो बीएसएफ को अधिक जानी नुकसान होना तय था।जिले के रामगढ़ माजरा गांव के शीशपाल जी का पुत्र रॉकी ऊधमपुर में हुए आतंकी हमले में बुधवार 05 अगस्त को शहीद हो गया. जांबाज रॉकी ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए अपनी शहादत देकर 40 जानें बचाईं. उन्होंने संघ की शाखा पर सीखे देशभक्ति के जज्बे का प्रदर्शन किया.l रॉकी संघ का स्वयंसेवक था, तथा प्राथमिक वर्ग (सात दिवसीय प्रशिक्षण) का प्रशिक्षण प्राप्त किया था. परिजनों को रॉकी की शहादत पर गर्व है. रामगढ़ माजरा में हर आंख नम है।....Sanjay Dwivedy