प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए भूमि अधिग्रहण बिल पर भले ही पीछे हट गए हों लेकिन केवल तीन अध्यादेश पास करके कांग्रेस को किसानो पर राजनीति करने का मुद्दा दिया और कांग्रेस द्वारा हजारों रैलियां और धरना प्रदर्शन करवाकर उन्हें दिवालिया बना दिया। कुछ दिनों पहले अख़बारों में भी छपा था कि कांग्रेस का पार्टी फण्ड खत्म होने के कगार पर है। भले ही कुछ लोग इसे प्रधानमंत्री मोदी की हार बता रहे हों लेकिन लैंड बिल पास ना होने के बावजूद भी देश में आर्थिक गतिविधि तेज हुई और कांग्रेस पार्टी का पैसा गरीबों के काम आया।
गरीबों को क्या फायदा हुआ : कंग्रेस पार्टी द्वारा किसानो के समर्थन में देश में हजारों रैलियां और धरना प्रदर्शन करने की वजह से पोस्टर पम्फलेट और बड़े बड़े बैनर बनाने वालों की खूब कमाई हुई। रैली में बुलाये जाने वाले लोगों को भी दिहाड़ी दी गयी। रैली में पगड़ी बांधकर आने वालों की वजह से पगड़ी और गमछा बनाने वाली कंपनियों की चांदी हो गयी। लंगर, भंडारों की वजह से भूखों को भोजन मिला और धरना स्थल पर ठंडा, पेप्सी, कोका कोला, मिरिंडा आदि बाटें जाने से गरीबों गरीबों को इसका लाभ मिला और ठंडा पेप्सी अधिक बिकने से सरकार को टैक्स में भारी आमदनी हुई। इसके अलावा टीवी, मीडिया की भी TRP बढ़ी और उन्हें भारी मुलाफा हुआ। रलियाँ और धरना प्रदर्शन की तस्वीरें लेने वालों को भी बढ़िया आमदनी हुई।
कांग्रेस के नेताओं ने जी भर कर लुटाया पैसा, देश को हुआ लाभ : बीजेपी ने कांग्रेस को किसानो का मुद्दा देकर उन्हें वापस सरकार में आने की आशा भी जगाई थी। कांग्रेस ने सोचा था कि मोदी सरकार को अगर किसान विरोधी साबित कर दिया जाय तो पांच साल बाद फिर से सरकार बनाई जा सकती है। इसी आशा ने कांग्रेस के बड़े से लेकर छोटे नेताओं ने हर गली में मोदी के पुतले जलाये। मोदी के विरोध में हजारों बैनर और पोस्टर गली गली में लगाए गए। छोटे छोटे नेताओं ने भी राहुल गांधी के साथ वाले पोस्टर और बैनर बनवाकर अपना खूब प्रचार किया। बैनर में फ्रेम फिट करने वाले लोहारों की भी काफी कमाई हुई। इन सब प्रक्रियाओं में गरीबों और कामगारों ने खूब पैसे कमाए और खर्च भी किये जिसकी वजह से देश में आर्थिक गतिविधि बढ़ी और देश की आर्थिक विकास दर में भी तेजी देखने को मिली।......Sanjay Dwivedy.................

