जैहादी मिडीया, कांग्रेस, राहुल व केजरी के मुँह पर तमाचा।
सुनपेड कांड पर हल्ला मचाकर हिन्दूओ मे फूट डालने के लिये दलितो के रहनुमा बनने वालो के मुह पर तमाचा लगा है, मामला पति पत्नी का ही है बाहर से किसी ने कोई आग नही लगाई।
#एफआईआर मे पेट्रोल छिडककर आग लगाने की बात कही गई, जबकि केमिकल जांच साबित करती है कि केरोसिन का प्रयोग किया गया।
#जिस खिडकी से पेट्रोल फेंकने की बात कही गई, उससे ज्वलनशील पदार्थ नही फेंका गया। खिडकी से सटा बेड और सो रहे बच्चो माँ की बर्न रिपोर्ट साफ कर रही है।
#पश्चिम दिशा मे जिस दरवाजे के नीचे से ज्वलनशील पदार्थ से भीगी दरी के जले अवशेष बरामद हुए, हू-ब-हू वैसी ही दरी जितेन्द्र के मकान के ऊपरी हिस्से मे मिली, जिसमे अन्य सदस्य रहते है।
#शिकायतकर्ता जितेन्द्र की पत्नी रेखा की बर्न रिपोर्ट से पता चलता है कि केरोसिन सिर से उडेला गया, जो नीचे की तरफ आया।

#प्लास्टिक की बोतल मे भरा केरोसिन बच्चो पर भी उडेला गया। इस दौरान आग लगी। सो रहे सदस्यो पर केरोसिन फेंका जाता तो वह प्रैक्टिकली जितेन्द्र, रेखा बच्चो के ऊपर बराबर पडता। जितेन्द्र के दोनो हाथ आग बुझाने के दौरान झुलसे।
#दरवाजा नीचे से ऊपर की तरफ जला है। एफआईआर मे बयान है कि वह दरवाजा बाहर से बंद था, लेकिन जांच मे पता चला कि घटना के वक्त दरवाजे की कुंडी बाहर से नही लगी थी, क्योंकि कुंडी पर बर्न एश (जलने के निशान) मिले है। यदि वह बंद होता तो उसके कुछ हिस्से पर बर्न एश दिखाई नही देता।
#जिस बेड पर आग लगी, वहां ज्यादा जला हुआ हिस्सा बच्चो के इर्द-गिर्द मिला है। प्रतीत होता है कि केरोसिन बच्चो के ऊपर ज्यादा उडेला गया।
#बेडके सिरहाने से अधजली प्लास्टिक बोतल (एक लीटर) भी मिली। संभवत: इसमे केरोसिन था। खिडकी मे लगे सरियों के बीच से बोतल कमरे मे नही फेंकी जा सकती। खिडकी पर बर्न एश के निशान भी नही मिले। फोरेंसिक टीम ने एसआईटी को मौखिक रूप से ब्रीफ किया, जल्द सोप सकती है, रिपोर्ट; पेट्रोल नही, केरोसिन का इस्तेमाल किया गया।
अब सबके जैहादीयो के मुह पर फेविकोल आ गया अब ये मामला जल्द ही खबरो से गायब हो जायेगा और मीडिया कुत्तो को भी भोंकने की जरूरत नही पडेगी क्योंकि अब उल्टा तीर पिछवाडे मे लगने वाला है........................घनश्याम हिन्दूस्थानी