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SHAME SHAME PATWARDHAN......YOU ARE SHAME TO THE NAME OF WRITERS
1. पुरुस्कार लौटाने वाले किसी एक लेखक साहित्यकार फ़िल्मकार का नाम बताओ जिसने 2014 के चुनाव
में नमो को हराने की अपील न की हो ?
2. उक्त लोगो में से किसी एक का नाम बताओ जिसने याकूब और अफजल की फांसी के खिलाफ कैम्पेनिंग
न किया हो ?
3. उक्त लोगो में से किसी एक का नाम बताओ जिसने नमो को वीजा न देने के लिए हस्ताक्षर न किये हों ?
4. उक्त मेसे किसी एक का नाम बताओ जिसने कभी कश्मीर के हिन्दू पर अत्याचार का ,बांग्लादेश और
पाकिस्तान के अल्पसंख्यको पर अत्याचार का विरोध किया हो ?
5. यदि उक्त लेखको साहित्यकारों और फिल्मकारों में से कोई एक भी नही हे तो ....पब्लिक सब जानती हे, इन लोगो को कब और किसने पुरस्कार दिए हे और किनके कहने पर ये वापस लौटाने के नाम का नाटक कर राजनितिक षड्यंत्र का हिस्सा बने हुए हे । ताकि भारत को सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यता ना मिल पाये l
वैसे मीडिया भी इन चाटुकारो को खूब कवरेज देकर न्यूज़ मसाला या TRP बटोर रही हे।
इन चाटुकारो द्वारा अपने पुरस्कार लौटाने को लेकर एक बहुत अच्छी पंक्ति याद आ गयी..
" कुछ जुगनुओं के भाग जाने से आँगन में अँधेरा नहीं होता .."
यहाँ और भी हज़ारो दीप हे जो बस जलकर अपने आँगन को रोशन करते हे ..."
जय हिन्द जय भारत ! वंदे मातरम् ! देश का एक समर्पित नागरिक.......
Pradeep Dagar की पहेली :

SHAME SHAME PATWARDHAN......YOU ARE SHAME TO THE NAME OF WRITERS
1. पुरुस्कार लौटाने वाले किसी एक लेखक साहित्यकार फ़िल्मकार का नाम बताओ जिसने 2014 के चुनाव
में नमो को हराने की अपील न की हो ?
न किया हो ?
3. उक्त लोगो में से किसी एक का नाम बताओ जिसने नमो को वीजा न देने के लिए हस्ताक्षर न किये हों ?
4. उक्त मेसे किसी एक का नाम बताओ जिसने कभी कश्मीर के हिन्दू पर अत्याचार का ,बांग्लादेश और
पाकिस्तान के अल्पसंख्यको पर अत्याचार का विरोध किया हो ?
5. यदि उक्त लेखको साहित्यकारों और फिल्मकारों में से कोई एक भी नही हे तो ....पब्लिक सब जानती हे, इन लोगो को कब और किसने पुरस्कार दिए हे और किनके कहने पर ये वापस लौटाने के नाम का नाटक कर राजनितिक षड्यंत्र का हिस्सा बने हुए हे । ताकि भारत को सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यता ना मिल पाये l
वैसे मीडिया भी इन चाटुकारो को खूब कवरेज देकर न्यूज़ मसाला या TRP बटोर रही हे।
इन चाटुकारो द्वारा अपने पुरस्कार लौटाने को लेकर एक बहुत अच्छी पंक्ति याद आ गयी..
" कुछ जुगनुओं के भाग जाने से आँगन में अँधेरा नहीं होता .."
यहाँ और भी हज़ारो दीप हे जो बस जलकर अपने आँगन को रोशन करते हे ..."
जय हिन्द जय भारत ! वंदे मातरम् ! देश का एक समर्पित नागरिक.......