कांग्रेसी खुर्शीद ,मणिशंकर, आज़म खान, हाफिज सयेद, सब का धर्म भारत में आतंकवाद को फैलाना ही है l



माना कभी इस्लाम इजाज़त देता नही दहशत की ,माना खून खराबे का इस दीन धर्म में काम नही,
तो फिर उन काले झंडो पर किस मज़हब के श्लोक लिखे? किस मज़हब का नाम लिखा है?
किस मज़हब के लोग दिखे? किस मज़हब के नारे,किस मज़हब का पर्दा डाला है, 
कोई मुझे बताये आखिर कैसा गड़बड़झाला है?




दिल को बहुत मनाया लेकिन दिल को झटका ग्रेट मिला, आईएस का अर्थ पढ़ा तो इस्लामिक स्टेट मिला,
अब सवाल है ये "इस्लामिक" शब्द कहाँ से आया है, क्या लोगों ने एक नाम का दूजा धर्म बनाया है?
गर दूजा है तो फिर किस मुद्दे पर आखिर डोले हैं, गला रेतने से पहले क्यों अल्ला अकबर बोले हैं?
अल्ला हो अकबर से बोलो किस मज़हब का नाता है?किस मज़हब में टोपी दाढ़ी,ज़िक्रे आयत आता है?
यानी ये सब आतंकी इस्लाम धर्म के दुश्मन है,यानी ये कुरान में लिक्खे,ज्ञान मर्म के दुश्मन हैं,
यानी ये कुछ लाख मोमिनों के बन बैठे अब्बा हैं,यानी ये इस्लाम जगत पर बदनामी का धब्बा हैं .......




       


Outrage at every statement of fringe leaders but not a whimper on either Salman Khurshid or Mani 
Shankar Aiyar's statements in Pakistan.

==================================