Shubham Batham कहते हैं "सफलता के कई बाप होते हैं और असफलता अनाथ होती है।"

  

                                                                  




India is the only country where minorities decides the fate of Majorities and makus/secus/liberals/media are happy and glorify it .Hindus will perish if not united, it is high time now!........Asitava Bhowmik


"कहते हैं सफलता के कई बाप होते हैं और असफलता अनाथ होती है।" ये जो व्यक्ति तस्वीर में दिख रहा है,वो भारत को नयी दिशा नए साँचे में ढाल रहा है।।रोज 18 घंटे काम करता है।।आप की हमारी गालियां सुनता है।।संभव है कुछ गलतियां भी कर रहा हो मगर इसकी नियत सही है। 

कम से कम आज के दिन मैं Narendra Modi का विरोध करके खुद के अवसरवादी होने का परिचय नहीं देने वाला। अंतिम क्षण तक इस व्यक्ति के समर्थन में रहूँगा कारण इससे बेहतर नेता शायद ही मिल पाए l जब तक की प्रतिस्पर्धा में हिंदुत्व और राष्ट्रवाद को इससे बेहतर विकल्प न मिल जाएं तब तक आप चाहे तो मुझे #भक्त कहें या #पेड_कार्यकर्त्ता कोई समस्या नहीं।

इसमें भी संशय नहीं की ये हार मोदी की है मगर एक कार्यकर्त्ता होने के कारण इस समय मोदी को गाली देना और दोष देने की जगह तब तक मोदी के साथ खड़ा रहने का समय है,जब तक मोदी अपने विरोधियों को प्रतिउत्तर न दे सके।। आवश्यक आलोचना और विरोध दर्ज कराने का समय आगे आएगा जो मैं भी करता हूँ समय समय पर..

आज भाजपा जीत जाती तो कई बरसाती मेंढक #नमोनमः करते और संभवतः उनके उलट मैँ भाजपा की गलतिया भी गिनाता जो सुधार हेतु आवश्यक थी। मगर आज असफलता हाथ लगी है तो भाजपा समर्थक होने के कारण इस असफलता में मेरा हिस्सा जरूर है,जो मुझे स्वीकार्य है। 

एक ठोकर लगी है संभव है कुछ और भी ठोकरें लग जाए मगर इससे सफर ख़त्म नहीं होता।।यदि 2 सीटो पर मनोबल गिरा कर वाजपेयी जी बैठ जाते तो भाजपा का अस्तित्व सपना होता. ऐसे भी कार्यकर्त्ता है जिन्होंने पूरा जीवन लगाया और एक जगह भी भाजपा की सरकार नहीं देखना नसीब हुआ अपने जीवन काल में । हम भाग्यशाली हैं जो आधे से ज्यादा भारत में भाजपा को सत्ता और प्रभाव में देख रहे हैं।

और हमारे सामने कौन हैं जो दशको बाद भी राज्यों की सीमा से आगे नहीं बढ़ पाये...कल ही दशको के कम्युनिष्ट राज के बाद #केरल_में_कमल की कलियाँ दिखनी शुरू हुई है। बिहार में जीत होती तो अच्छा था मगर हार हुई है तो सब ख़त्म हो गया ऐसा नहीं है। अब भी जनसमर्थन भाजपा के पास है मगर उतने बड़े स्तर का नहीं जुटा पाये जो एकजुट ही चुके विपक्ष+मिडिया+NGO गैंग से लोहा ले कर सरकार बना सके।

तो सभी भाजपा और राष्ट्रवाद समर्थको निराशा के भाव अपने मन में न आने दें और पूरे मनोयोग से लगे रहे हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की सेवा में..सत्ता साधन है साध्य नहीं..आज साधन नहीं है कल मिल जायेगा। मगर नरेंद्र मोदी जैसी नेतृत्व की पूंजी दशको में एक बार ही मिलती है,उसे बचाये रखें।मेरा नेता मेरा आदर्श कल भी राष्ट्रवादी नरेंद्र दामोदर दस मोदी था,आज भी है कल भी है !
 भक्त_हूँ_मैं  ....भारत माता की जय.........Shubham Batham