Why media and political leaders are Blatantly Neglecting Crimes against Hindus ?




बॉलिवुड और बंगाली फिल्मों की प्रसिद्ध अदाकारा और तृणमूल कांग्रेस सांसद मुनमुन सेन ने असहिष्णुता पर मोदी सरकार का बचाव किया है। मुनमुन सेन ने एक बंगाली अखबार से बातचीत में कहा है, 'देश में असहिष्णुता हमेशा से थी। यह कोई नई बात नहीं है। आजकल इसका प्रचार ज़्यादा हो रहा है।'


हिंदी और बंगाली के अलावा तमिल, तेलुगू, मलयालम, मराठी और कन्नड़ फिल्मों में काम कर चुकीं ऐक्ट्रेस मुनमुन सेन ने कहा, 'मोदी जी बहुत ही अच्छा काम कर रहे हैं। पहले पांच साल देखते हैं। उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ तो विरोध करेंगे।' 



हालांकि मुनमुन सेन ने कहा है कि मोदी की पार्टी बीजेपी उन्हें काम करने नहीं दे रही है। तृणमूल सांसद के इस बयान का हाबड़ा भाजपा के उपाध्यक्ष अनिल गोयल ने स्वागत किया है ! उन्होंने कहा कि देश के अभिनेता और फिल्म निर्देशकों को मुनमुन सेनजी के बयान से सबक लेना चाहिए !



1 ) उत्तर प्रदेश में वाराणासी में बाइक सवार बदमाशों ने मंगलवार की देर रात भेलूपुर थाना क्षेत्र के तुलसीपुर सिथत मोतीझील के समीप भाजपा पार्षद शिव सेठ (35) की गोली मारकर हत्या कर दी। मुलायम सरकार कुछ नहीं बोलेगा ।

2 ) राजधानी में मंगलवार को पत्रकार राजीव चतुर्वेदी (55) की पुलिस हिरासत में संदिग्‍ध परिस्थितियों में मौत हो गई। थाने के अंदर हुई मौत के बाद आनन-फानन में पुलिस उन्‍हें निजी अस्‍पताल ले गई, जहां डॉक्‍टरों ने उन्‍हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस का कहना है कि राजीव सड़क पर गिरकर चोटिल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। बताया जा रहा है कि पुलिस राजीव को किसी मामले में पूछताछ के लिए थाने लेकर गई थी। यहां आपको बता दें कि राजीव एक पत्रकार के अलावा कवि, चिंतक और सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। कई पत्रिकाओं में उनके 50 हजार से अधिक लेख छप चुके हैं।

  





Joseph

NIA court in Kochi found 13 people guilty in the sensational case pertaining to the chopping of the hand of a professor on charges of insulting Prophet Mohammed in a question paper. The court acquitted 18 others for want of evidence. 

Five accused, including the key conspirator, are still absconding although the NIA had taken over the probe from Kerala Police. All the accused were activists of a Muslim outfit, Popular Front of India.  

Reacting to the verdict, Joseph said: “In the court of my conscience I pardoned them long ago. In future, no teacher should be punished like this for a non-issue. The police should not have acted (arrested him) on a baseless allegation. The police unnecessarily arrested me, put me in lock up. They made me a target for fanatical elements.” Jospeh’s right palm was chopped of by PFI activists.