भारतीय मूल्यों की गोरवमयी प्रतिष्ठापना करते हुए सबको एक साथ बांधने वाला सूत्र ही हिंदुत्व है !

Poojneeya Sarsanghchalak said, The world always listens to the language of the strong people and treats nations that have acquired strength and power. It is therefore, necessary that we need to develop a collective power of the society in order to create proper place for our country in the world. Such strength must have a strong base of ethics and values, he added.

शिव-शक्ति संगम अर्थात् वैभव प्रदर्शन नहीं है, बल्कि समाज परिवर्तन के लिए सही रास्ता है। देश प्रतिष्ठित, सुरक्षित न हो तो व्यक्तिगत सुख की कीमत नहीं है। सभी जिम्मेदारियां संभालकर समाज सेवा करनेवाली शक्ति अर्थात् संघ का कार्य। समाजहित के इस कार्य में सब सक्रिय हों। 
शिवत्व और शक्ति की आराधना होने के लिए प.पू.डॉ. हेडगेवारजी ने संघ की स्थापना की। गुणसंपन्न समाज की निर्मिती के अलावा विकल्प नहीं है, यह उन्होंने जान लिया था। इसके लिए उन्होंने उपाय खोजा था।
सबको एक साथ बांधने वाला सूत्र हिंदुत्व है, यह उन्होंने जान लिया था। सबके लिए आदर्श मूल्य उन्होंने बताया था। मातृभूमि के लिए आस्था यह हिंदू समाज का स्वभाव है। परंपरा से आई हुई यह आस्था है। इसके आधार पर संस्कृति बढ़ती है, पुरखों का गौरव होता है। आज विश्व को इसकी आवश्यकता है। 
भारतीय मूल्यों की प्रतिष्ठापना करने हेतु संगठन की आवश्यकता है। राष्ट्रीय चरित्रवाले समाज निर्माण करना और देश को परम वैभव प्राप्त करवाना, यह संघ का कार्य है।
किसी भी प्राकृतिक विपत्ति के समय आगे आनेवाला स्वयंसेवक ही होगा, यह संघ की पहली पहचान है। अपने हित का विचार छोड़कर समाज के लिए निरालस, निस्वार्थ सेवा करनेवाला अर्थात् संघ स्वयंसेवक। यह गर्व का नहीं, अपितु 90 वर्षों से संघ जो कर रहा है, उस प्रयोग का फल है।