मोदीजी ने क्यों कांग्रेस मुक्त भारत को देश के लिए सबसे जरुरी समझा ?

Commemoration of Afzal Guru's anniversary in itself is an act of anti-nationalism, and when Congress leader Rahul Gandhi and Communists supports him, they can never be true nationalists. Nation and people have understood the dismal role of Congress and Left and decided to oust them.


             
                  Shishir Sharma
" भारत माँ का मान बताऊँ यही सिखाया माँ ने, वंदे मातरम् हँस के गाऊँ यही सिखाया माँ ने,
जब भी कोई आँख उठाए अपने हिंद महान पर, कलम को मैं तलवार बनाऊँ यही सिखाया माँ ने। 


चूकि हमारी श्रद्धा सिर्फ इसी देश के लिए है, इसलिए हम कभी माँ तो कभी पिता का दर्जा देते हैं। " भारत माता की जय" शब्द नहीं है" दहाड़" है..........और दहाड़ना शेरों का काम है, कुत्तों का नहीं। भारत माता की जय!

     


यदि 10 वी के परीक्षार्थी से ''मेरा भारत महान है'' इसका बिपरार्थी (विलोम) लिखो प्रश्न पूछा जाए ! तो सभी परीक्षार्थी न चाहते हुए भी ''मेरा भारत महान नहीं है'' लिखेंगे क्योकि सही जबाब से अंक मिलेंगे और इस अंक के आधार पर उत्तीर्ण का प्रमाणपत्र मिलेगा ! तो ये है कांग्रेसी राज्य ''उत्तराखंड'' की हालात ! सोचिये कांग्रेस कितनी बड़ी देशद्रोही बिचार धारा की पार्टी है ! 


कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कोशिश कर रहे हैं कि जहां भी कोई चर्चित मुद्दा उठाया गया हो वहां वो अपनी मौजूदगी दर्ज कराएं। यही वजह है कि जेएनयू जैसे ज्वलंत मुद्दे पर भी वो अपनी राय देने से पीछे नहीं हटे और चारों ओर से आलोचना का शिकार हुए। वहीं उनकी पार्टी को भी इसका खामियाजा उठाना पड़ा।

जेएनयू में देशविरोधी नारे लगाने वाले छात्रों का समर्थन कर रहे राहुल गांधी को शायद इसका आभास नहीं होगा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता ही उनका साथ छोड़ देंगे। जी हां, एक वेबसाइट में छपी खबर की मानें तो जेएनयू प्रकरण ने 12 लाख कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को निराश किया है और इसके चलते वे पार्टी की सदस्यता छोड़कर चले गए हैं।

जो लोग पार्टी छोड़ कर गए हैं, उनमें सिर्फ छोटे-मोटे कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि कई बड़े नेताओं के नाम भी शामिल हैं। वेबसाइट के मुुताबिक इन सभी लोगों का कहना है कि जो पार्टी देशद्रोहियों का समर्थन करेगी वे उस पार्टी का समर्थन कैसे कर सकते हैं।


अरे डूब मारो कांग्रेसियों ! ‪#‎मेरा_भारत_महान_है‬ ! ‪#‎भारत_माता_की_जय‬ !....Nageshwar Singh Baghel

            

ओवैसी द्वारा भारत माता की जय ना बोलने को लेकर मध्यप्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के जीतू पटवारी द्वारा ओवैसी के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव लाया गया। इसे सर्व सम्मति से पास किया गया | यह एक सराहनीय कदम है। इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाये कम है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के इस कदम से राहुल गांधी द्वारा देशद्रोहियों के समर्थन में जेएनयू में जाकर जो किरकिरी हुई थी, उस पर कुछ फर्क जरूर पड़ेगा। कांग्रेस के छोटे प्रादेशिक नेता राहुल गाँधी से ज्यादा समझदार और परिपक्व लगते हैं | मध्यप्रदेश के सभी विधानसभा सदस्यों को इस सामंजस्य दिखाने के लिए बधाई |............Suresh Vidyarthi




बंगाल का इतिहास बहुत स्वर्णिम रहा है लेकिन बामपंथी विचारधारा ने इसे बर्वाद कर दिया है अंग्रेजो के जमाने का वह बंगाल जिसने आज़ादी की लड़ाई मैं सबसे ज्यादा योगदान दिया तथा आज़ादी के बाद सबसे ज्यादा प्रोग्रेसिव स्टेट था, इंटेल्लेक्टुअल्स की भी कमी नहीं थी ,मगर आज़ादी के बाद बंगाल का जो हाल इन बामपंथी तथा कांग्रेसी बिचारधारा से हुआ है छोटे छोटे स्टेट भी इससे आगे निकल गए है रही सही कसर ममता ने पूरा कर दिया है. ....आज बंगाल के अधितर कारखाने बंद है कोई नया इन्वेस्मेंट आ नहीं रहा है स्टेट की इकॉनमी बद से बदतर है तथा रोजगार खत्म है. सरकार के पास स्टेट को आगे बढ़ाने का कोई ब्लू प्रिंट नहीं है 


      

ओवैसी का भाषण सुन बेहोश हुई 100 वर्षीय महिला, केस दर्ज : ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी के 'भारत माता की जय' नहीं बोलने वाले बयान को सुनकर एक 100 वर्षीय महिला को ऐसा सदमा पहुंचा कि वह बेहोश हो गई। एक समाचार पत्र की खबर के मुताबिक स्वाधीनता संग्राम में गांधी जी के एक सहयोगी के साथ काम कर चुकीं इस महिला ने जैसे ही ओवैसी का भाषण सुना उन्हें ऐसा सदमा पहुंचा कि वह उसे बर्दाश्त नहीं कर सकीं।
महिला के परिजनों ने ओवैसी के बयान को लेकर मामला दर्ज कर लिया है। एक और मामला एबीवीपी नेता ने बक्सर में दर्ज किया है।खबर के मुताबिक गोपालगंज के एकडेरवा की 100 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने टीवी पर ओवैसी का भाषण सुना था। सदीकन खातून ने जब ओवैसी को यह कहते सुना कि मेरी गर्दन पर चाकू रख कर कहो, तब भी मैं भारत माता की जय नहीं बोलूंगा, तो वह गुस्से से भर उठीं और बेहोश हो गईं। होश आने पर उन्होंने अपनी पीड़ा परिजनों को बताई। सदीकन अपनी उम्र करीब 100 साल बताती हैं। वह स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी जी के सहयोगी के साथ काम कर चुकी हैं। उनका कहना है कि जिन मुश्किल परिस्थितियों में हिंदुस्तान को आजादी मिली है, ऐसे में आजाद भारत में हर किसी को 'भारत माता की जय' बोलना ही चाहिए। अगर कोई ऐसा नहीं करता है, तो उसे सलाखों के पीछे डाल देना चाहिए।........Tanmay Modh