भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने देश के आजाद होने के 68 सालों बाद वो कर दिखाया जो आजतक किसी भी प्रधानमंत्री ने ना तो किया और ना ही करने का सोचा। जी हां। भारत की आजादी के 68 सालों के बाद व NDA की सरकार के दूसरे ही साल पूर्ण बहुमत वाली भाजपा के प्रधानमंत्री मोदी ने इस बार होलीका दहन का आयोजन राष्ट्रपति भवन में रखा है। ये बात जब सामने आई तब सभी लोकसभा/राज्यसभा के सांसदों के कार्यालयों पर PMO से एक पत्र भेजा गया। इस पत्र में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी व मोदी जी के द्वारा राष्ट्रपति भवन में होने वाले होलिका दहन के प्रोग्राम का निमंत्रण भेजा गया है। इस पत्र में सभी दलों व सभी धर्म के नेताओं से आने को कहा गया है इसके अलावा सभी नेताओं से धर्म से ऊपर उठकर इस रंगों भरे त्यौहार को आपसी भाईचारे के साथ बनाने का आह्वान किया गया है। होलिका दहन रात को 7:45 पर किया जायेगा और होली मिलन समारोह 8:40 पर होगा।


इस समारोह के आयोजन के बाद से ही सभी न्यूज मीडिया चैनलों ने अटकलें लगानी शुरू कर दी है कि इसमें कौन कौन उपस्थित होने वाला है। क्यू की आज़ादी के 68 सालो में 60 साल कांग्रेस राज में राष्ट्रपति भवन में बस मुसलमानो के त्यौहार ईद , इफ्तार पार्टी ही सेलिब्रेट होते आये है हिन्दुओ के त्योहारो से कांग्रेस ने हमेशा पल्ला ही झाड़ा हे। सूत्रो से पता चला है कि AIMIM पार्टी के अध्यक्ष असद्दुदीन औवेसी ने इस कार्यक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया दी है उन्होंने कहा है कि मोदी का ये फैसला गैरसंवैधानिक है, उन्होंने ये फैसला एक वर्ग को खुश करने के लिए लिया है। जबकि अल्पसंख्यकों का कुछ भी ध्यान नहीं रखा गया है। इससे उनके सेकुलर वाली छवि धूमिल हो रही है।ओवेशी और सेक्युलर लोग जो राष्ट्रपति भवन में इस होली सेलिब्रेशन के लिये आपत्ति जता रहे हे।
वो राष्ट्रपति भवन में पिछले 68 सालो से ईद और इफ्तार पार्टी सेलिब्रेशन पर भी अपने विचार रखे। आज़ादी के बाद पहली बार PM मोदी के द्वारा किया गया होली मिलन समारोह का आयोजन।अब कभी ये मत पुछना कि हम #माेदीजी काे क्युं प्यार करते है .जय श्री राम !!............Ramesh Chandra