'केजरीवाल' और 'राहुल गांधी' देश से बाहर भेजने वाले 'कालेधन' से 'मालामाल सुनारों' के साथ खड़े हो गए हैं l




                        

अब  तो पंद्रह लाख जो हर भारतीय का हिस्सा हो सकता हे अपने घर में ही मिल जायेगा ! यही चिँता राहुल गांधी , जीजाजी और उनके छिपे साझीदार कजरूदिंन की नींद उडा दी हे ! सुना गया हे की इन लोगो ने सोना कालाबाजारी वालो से हज़ारो करोड़ की डील की थी।  पर मोदी तो टस से मस भी नहीं हो रहे हे । ........अब तो वो सब जो पंद्रह लाख मोदीजी कब लाओगे पूछते थे उनकी सिटी पिटी गुम .....  खेर इनसब की पोल तो पार्लियामेंट के सेशन में पूरी खुल जाएगी।  देना पड़ेगा जवाब कि  जब सभी रेकॉर्डों में ये निश्चित पाया गया की देश का काला  धन सोना और डायमंड के जेवरात में छिपा हे तो क्यों आप उन पर नजर रखने और पकड़ने के विरुद्ध हो ?   Ashok Jain 




पैसा बिस्तर दे सकता है… नींद नहीं;  
पैसा भोजन दे सकता है… भूख नहीं;
पैसा अच्छे कपडे दे सकता है… सुंदरता नहीं; पैसा ऐशो आराम के साधन दे सकता है… सुकून नहीं;
इसलिए आप सभी अपना अपना पैसा......
राहुल गांधी , जीजाजी और  कजरूदिंन के Account में ट्रांस्फर करके संन्यास ले लें !!


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😁😍😍.
देश के बेईमान धन्ना सेठों और काला धनख़ोरों के प्रति मोदी सरकार सख़्त !!. 

एक भी बेईमान बख़्शा नहीं जाएगा!!


Veera Gupta :    90% सुनार रखते हैं 'कालाधन, नहीं देते टैक्स, केजरीवाल ने थामा हाथ l देश भर के 'सुनार' मोदी सरकार द्वारा लगाई गई एक्साइज ड्यूटी के विरोध में एक महीने से 'हड़ताल कर रहे हैं, सुनार रो रहे हैं क्योंकि उनका लाखों का नुकसान हो रहा है, उसके बावजूद भी वे हड़ताल कर रहे हैं। उन्हें 'सरकार' को टैक्स देने में 'परेशानी' नहीं है, उन्हें 'परेशानी' यह है कि वह 'तस्करी' का सोना कैसे इस्तेमाल करेंगे ? क्योंकि उसी सोने से उनकी कमाई होती है। वे मोदी सरकार पर एक्साइज ड्यूटी वाले लेने का दबाव बना रहे हैं लेकिन 'मोदी सरकार' उनकी बात मानने को तैयार नहीं है। मोदी सरकार की नजर 'कालेधन' पर अंकुश लगाना है।


सबसे अधिक 'कालाधन' हमारे देश के 'सुनारों' के पास है, वे कमाए गए पैसों पर टैक्स नहीं देते, उस पैसे से वे 'तस्करी' द्वारा आये 'बिस्कुट' खरीद लेते हैं और उसी सोने से गहने बेचकर बेतहाशा पैसा कमाते हैं साथ ही टैक्स भी बचा लेते हैं। यह बहुत ही 'बड़ा गिरोह' है जो भारत में वर्षों से काम कर रहा है और सुनारों को 'मालामाल' कर रहा है, साथ ही देश को 'कंगाल' कर रहा है।

मोदी सरकार इसी पर 'लगाम' लगाना चाहती है, लेकिन 'केजरीवाल' और 'राहुल गांधी' जैसे नेता 'सुनारों' के साथ खड़े हो गए हैं और उन्हें मोदी सरकार के 'खिलाफ' भड़का रहे हैं। केजरीवाल सुनारों के पक्ष में लगातार ट्वीट पर ट्वीट कर रहे हैं, उन्होंने सुनारों के साथ राष्ट्रपति से भी मुलाकात की है, दिल्ली में रैली को भी संबोधित किया है और दिन रात सुनारों के साथ मीटिंग करते रहते हैं।

ज्यादातर सुनार उस तस्करी द्वारा आये सोने से ही गहने बनाते हैं। उस सोने को ना तो सरकार देखती है, ना ही ग्राहक देखता है, ना सुनार ग्राहकों को पक्की पर्ची देते हैं, ना ही सरकार को उस सोने की कमाई पर टैक्स देते हैं। अगर टैक्स देंगे तो सरकार को यह भी 'बताना पड़ेगा' कि वह सोना कहाँ से आया था ?? इनके बाद सरकार उन्हें पकड़ लेगी और हो सकता है कि पूरा गिरोह ही पकड़ लिया जाय। केजरीवाल सुनारों की मांग पूरा करने के लिए 'राष्ट्रपति' से भी मिल चुके हैं।

एक्साइज ड्यूटी लगने के बाद सुनारों को सभी ग्राहकों को 'पक्का बिल' देना पड़ेगा, अपना PAN कार्ड भी देना होगा और टैक्स भी देना होगा। जैसे ही सुनारों पर 'नकेल' लग जाएगी, 'कालाधन' भी बिलबिलाकर बाहर आना शुरू हो जाएगा। सुनार तस्करी द्वारा सोना लेने से डरने लगेंगे, बाहर से सोना आना बंद हो जाएगा क्योंकि पकडे जाने के डर से सुनार उसे खरीदेंगे ही नहीं। इस तरह से देश से बाहर भेजे जाने वाले 'कालेधन' पर भी धीरे धीरे लगाम लग जाएगा।