पिछले 70 साल से अपनी आजादी के लिए आंदोलन कर रहे बलूच आंदोलनकारियों ने अपनी रणनीति बदली है। अब तक वो अपने आंदोलन से पाकिस्तान के मुख्य इलाकों को दूर रखते थे, लेकिन अब आंदोलनकारियों ने धमकी दी है कि इस्लामाबाद-लाहौर जैसे शहरों को भी अब खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
बलूचिस्तान के लोगों ने अब कमर कस ली है कि वो अपने देश को हथियारों के दम पर आजाद कराएंगे। बलूचिस्तान के लोगों ने अब पाकिस्तान को सीधी धमकी दी है कि अब वो आत्मरक्षा के बजाय आक्रमण की नीति पर चलेंगे। बलूच सेना अब पाकिस्तान को घर में घुसकर मारेगी।
बलूच आंदोलनकारियों की बड़ी नेता नायला बलूच ने कहा है कि अब तक बलूच पाकिस्तान पर सीधे हमला नहीं करते थे और हम पाकिस्तानी हमले से खुद को बचाते रहते थे लेकिन अब बलूच लोग और इंतजार नहीं कर सकते। अब लड़ाई बलूचिस्तान में नहीं पाकिस्तान में होगी और अब जंग का मैदान पाकिस्तान बनेगा।बलूचिस्तान के लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान की सेना ने उनकी जिंदगी नर्क से भी बदतर बना दी है। इस नर्क से निकलने के लिए अब उनका पाकिस्तान पर हमला करना जरूरी हो गया है। अब अपने आंदोलन को और तेज करने के लिए बलूच आंदोलनकारियों की उम्मीद तीन संगठनों पर टिकी है। पाकिस्तान ने इन तीनों ही संगठनों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। ये तीन संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी, बलूचिस्तान रिपब्लिकन आर्मी हैं।
इन तीन संगठनों ने पाकिस्तान को धमकी दी है कि अगर उन्होंने अब बलूचिस्तान के अहम इलाके ग्वादर में अपना दखल बढ़ाया तो खैर नहीं होगी। इन संगठनों का आरोप है कि ग्वादर में चीन जो भी निवेश कर रहा है उसका असली मकसद बलूचिस्तान को लूटना है। बलूचिस्तान के प्रतिबंधित संगठनों ने धमकी दी है कि चीन समेत दूसरे देश ग्वादर में अपना पैसा बर्बाद ना करें। दूसरे देशों को बलूचिस्तान की प्राकृतिक संपदा को लूटने नहीं दिया जाएगा। इन संगठनों ने बलूचिस्तान में काम कर रहे चीनी इंजीनियरों पर भी हमले बढ़ा दिए हैं।