धरती का अमृत फल नोनी किसी बीमारी का इलाज़ नहीं है लेकिन इससे कोई भी बीमारी बच नही सकती। ऐड्स आैर केन्सर मे रामबाण, नोनी फल आम लोगों के लिए जितना गुमनाम, सेहत के लिए उतना ही फायदेमंद।
नोनी के रूप में वैज्ञानिकों को ऐसी संजीवनी हाथ लगी है।गुटखा, तंबाकू खाने वाले अगर नोनी लें तो केन्सर नही होगा।ताजा शोध अनुसार, नोनी फल कैंसर व लाइलाज एड्स जैसी खतरनाक बीमारियों में भी असरदार है।
देश में वर्ल्ड नोनी रिसर्च फाउंडेशन (WNRF) सहित कई शोध संस्थान शोध कर रहे हैं।नोनी के इन रहस्यमयी गुणों का खुलासा भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने किया।कृषि वैज्ञानिक नोनी को मानव स्वास्थ्य के लिए प्रकृति की अनमोल देन बता रहे हैं।वैज्ञानिकों के अनुसार समुद्र तटीय इलाकों में तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, गुजरात, अंडमान निकोबार, मध्यप्रदेश सहित नौ राज्यों में 653 एकड़ में इसकी खेती हो रही है।
कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व चेयरमैन व WNRF के अध्यक्ष डॉ. कीर्ति सिंह ने कहा कि इस फल में दस तरह के विटामिन, खनिज पदार्थ, प्रोटीन, फोलिक एसिड सहित 160 पोषक तत्व हैं।इतने पोषक तत्वों की वजह से हाई बीपी, हृदय, मधुमेह, गठिया, सर्दी जुकाम जैसी अनेक बीमारियां ठीक हो जाती हैँ।
ये एंटी ऑक्सिडेंट और दुनियां का पहला नॉन स्टेरॉयड एंटी इंफ्लामेटरी ड्रग है। ये अडॉप्टोजेन है जो हॉइ और लो बीपी को ठीक कर देता है।शुरू से इसका सेवन करने से कैंसर जैसी बीमारी भी नहीं होगी।मोटापा, सुगर, अनिद्रा, गठिया, गैस, बदहज़मी, हाई एवम् लो बीपी, लिउकेरिया, मेनोपॉज़, पीरियड्स प्रॉब्लम, इम्पोटेंसी, आर्थराइटिस, मोटापा आदि को ठीक रखने में उपयुक्त।
फाउंडेशन कैंसर व एड्स पर नोनी के प्रभाव का शोध कर रहा है।इंदौर में करीब 25 एड्स मरीजों को नियमित नोनी का जूस देने पर वे अब तक ठीक हैं।मुंबई, बेंगलुर, हैदराबाद, चेन्नई सहित कई मेट्रो शहरों में भी दर्जनों कैंसर पीडि़तों को यह दिया जा रहा है, जिन्हें अस्पतालों ने डिस्चार्ज कर दिया था। नोनी देने से उनकी उम्र बढ़ गई।
शोध अनुसार, नोनी के सेवन से कैंसर व एड्स पूरी तरह ठीक ही हो सकता है।नोनी को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने कृषि स्नातक पाठ्यक्रम में दो साल से नोनी को शामिल कर लिया है।
नितिन शर्मा