हार का ठीकरा बेचारी मशीन पर थोपनेवालो को अमरिंदर का जवाब,"EVM में गड़बड़ होती तो में नही जीतता"।



अमरिंदर कह रहे है EVM में गड़बड़ होती तो में नही जीतता।

यदि EVM हैक होती तो मै CM न बनता👉क अमरिंदर सिंह.
EVMकी जगह बैलट पेपर बेकार है👉वीरप्पा मोइली.
शुक्र है अभी भी काग्रेश में कुछ बुद्धिमान बचे है।
नीतीश, ममता भी शायद यही कहे।


हार से नसीहत न लेते हुए , हार का ठीकरा बेचारी मशीन पर थोपनेवाले अगर ऐसे ही रहे तो मतदाता पत्र में और ज्यादा ई की गत बनने वाली है। अपनी चाल चरित्र सुधारा नही तो Dcd में भी दुर्गति होनेवाली है,शायद आभास हो भी गया हो इसीलिए बहाने ढूंढे जा रहे है। सुधरो नही तो जनता राजा बनाती है, तो रंक भी बना सकती है।


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'EVM के साथ होती छेड़छाड़ तो मैं सत्ता में नहीं होता' - अमरिंदर सिंह, मुख्यमंत्री, पंजाब
कांग्रेस के ईवीएम में छेड़छाड़ के आरोप को उनकी पार्टी के ही सीएम अमरिंदर सिंह ने नकार दिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर ने कहा है कि अगर ऐसा होता तो वह पंजाब में सत्ता में नहीं आ पाते।
अमरिंदर ने बुधवार को कांग्रेस के स्टैंड के इतर कहा, 'अगर ईवीएम में छेड़छाड़ होती तो मैं यहां सीएम की सीट पर नहीं बैठा होता बल्कि अकाली दल का कोई नेता यहां होता।'
वीरप्पा मोइली के बाद अमरिंदर ईवीएम के पक्ष में बोलने वाले कांग्रेस के दूसरे नेता हैं। कांग्रेस ने ईवीएम की जगह बैलट पेपर से वोटिंग कराने की मांग की है।
कांग्रेस की अगुवाई में देश के 13 विपक्षी दल बुधवार को देश के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिले थे, विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से ईवीएम में छेड़छाड़ का मुद्दा भी उठाया था।
कांग्रेस को पंजाब में 117 विधानसभा सीटों में 77 पर जीत मिली थी। पार्टी ने एक दशक बाद सत्ता में वापसी करने में सफलता हासिल की थी। उत्तर प्रदेश में बीजेपी की जीत के बाद बीएसपी प्रमुख मायावती ने ईवीएम में छेड़छाड़ का मसला उठाया था। बाद में आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने भी ईवीएम में छेड़छाड़ की बात कही थी।
पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली ने ईवीएम का समर्थन किया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री मोइली ने दूसरी पार्टियों के साथ सुर में सुर मिलाकर ईवीएम का विरोध करने के अपने पार्टी के फैसले की आलोचना की है। इतना ही नहीं, उन्होंने इसे 'पराजयवादी मानसिकता' भी कहा है।
उधर ईवीएम में छेड़छाड़ के आरोपों पर जवाब देने के लिए चुनाव आयोग भी अब खुलकर सामने आ गया है। आयोग ने मई के पहले सप्ताह से 10 मई के बीच वैज्ञानिकों, तकनीक के जानकारों और राजनीतिक दलों को ईवीएम को हैक करने की खुली चुनौती दे दी है।