एनडीए ने एक योग्य दलित को भावी राष्टपति चुनकर भारतीय लोकतंत्र में हिन्दु एकजुटता का आगाज किया है !

Shri Ramnath Kovind is one core gentleman with a clean record in politics and social life, one of the oldest RSS Pracharak, a lawyer by qualification (cleared IAS exam) and Dalit by birth. 

Shri Ramnath Kovind, born to farmer parents, studied to become a lawyer and went on to practice in Supreme Court; he worked as PS to Morarji Desai and represented India in the United Nations in New York and addressed United Nations General Assembly in October 2002.

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नये #राष्ट्रपति_रामनाथ_कोविंद के बारे में क्या क्या जानते हैं?मोदी सरकार के मुकाबले विपक्ष क्यों नाकाम ? माननीय मोदी जी और एनडीए ने एक बेहतर व्यक्ति को भावी राष्टपति चुनकर न सिर्फ विरोधियों का मुंह बंद किया ब्लकि हिन्दु एकजुटता का भी परिचय दिया जब एक दलित और गरीब परिवार से आया व्यक्ति राष्टपति भवन मे बैठेगा तो हर एक गरीब व्यक्ति को भारतीय लोकतंत्र पर गर्व होगा l
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भारत जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एक प्रेस कांफ्रेंस में रामनाथ कोविंद को एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा की है.l अब तक का सबसे कांटे का राष्ट्रपति चुनाव, राष्ट्रपति तो वही बनेगा जिसे मोदी सरकार चाहेगी: विनोद शर्मा lरामनाथ कोविंद मौजूदा समय में बिहार के राज्यपाल हैं, लेकिन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की होड़ में उनका नाम बहुत ज़्यादा चर्चा में नहीं था l



रामनाथ कोविंद के बारे में अहम बातें : उत्तर प्रदेश से बीजेपी के दलित नेता, दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे ,1994 में कोविंद उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए सांसद चुने गए. वह 12 साल तक राज्यसभा सांसद रहे. वे कई संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे हैं ! सक्रिय सांसद रहे , ये समितियां हैं- आदिवासी, होम अफ़ेयर, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, सामाजिक न्याय, क़ानून न्याय व्यवस्था और राज्यसभा हाउस कमेटी के भी चेयरमैन रहे l



राष्ट्रपति चुने गए तो उत्तर प्रदेश से दूसरे राष्ट्रपति : रामनाथ कोविंद का जन्म एक अक्टूबर 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में हुआ था. कोविंद ने कानपुर यूनिवर्सिटी से बीकॉम और एलएलबी की पढ़ाई की है ! 

गवर्नर ऑफ बिहार की वेबसाइट के मुताबिक कोविंद दिल्ली हाई कोर्ट में 1977 से 1979 तक केंद्र सरकार के वकील रहे थे. 1980 से 1993 तक केंद्र सरकार के स्टैंडिग काउंसिल में थे!दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में इन्होंने 16 साल तक प्रैक्टिस की. 1971 में दिल्ली बार काउंसिल के लिए नामांकित हुए थे l सरकारी वकील रहे, 1971 में बार काउंसिल के लिए नामांकित !दिल्ली हाइकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में 16 साल तक प्रैक्टिस !



कोविंद गवर्नर्स ऑफ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के भी सदस्य रहे हैं. 2002 में कोविंद ने संयुक्त राष्ट्र के महासभा को संबोधित किया. कोविंद ने कई देशों की यात्रा भी की है l



कोविंद की पहचान एक दलित चेहरे के रूप में अहम रही है. छात्र जीवन में कोविंद ने अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के लिए काम किया l 12 साल की सांसदी में कोविंद ने शिक्षा से जुड़े कई मुद्दों को उठाया. ऐसा कहा जाता है कि वकील रहने के दौरान कोविंद ने ग़रीब दलितों के लिए मुफ़्त में क़ानूनी लड़ाई लड़ी lकोविंद की शादी 30 मई 1974 को सविता कोविंद से हुई थी. इनके एक बेटे प्रशांत हैं और बेटी का नाम स्वाति है l