बदला बदला सा है भारत,सशक्त भारत अब चीन की घुड़कियो का जवाब घुड़कियो से ही देता है !

चीन हमारी सीमा मे बहुत पहले से घुसपैठ करता रहा है... लेकिन इस बार हमारी सेना ने उसके दो-चार बंकर क्या तोड़ दिए बेचारा चीन हतप्रभ हो... उसे तो ये आशा हीं नहीं थी। 

वह तिलमिला गया और इसी तिलमिलाहट मे तो चीन ने भारत को धमकी दे दी कि भारत 1962 के परिणाम को याद कर ले... क्या आप इसे धमकी समझ रहे हो ? 





भारत तो इसे उसकी बौखलाहट समझ रहा है ... तो तुरंत भारत ने उत्तर दे दिया कि युद्ध हुआ तो भारत की ओर देखना भी मत... वो 1962 का लड़खड़ाता भारत आज अंगद के पैर के जैसे अटल बन चुका है और वो वीटो पॉवर की धमकी ?? उसका तोड़ भी उसे एक आतंकी समर्थक देश और एक तानाशाह देश की लिस्ट मे खड़ा करके पॉवर को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर डिफ्यूज कर दिया गया है।

◆ चीन की भारत को गीदड़ भभकी के तत्पश्चात ही अमेरिकी विदेश मंत्रालय उस पर संज्ञान लेता है कि भारत को अपनी सीमा सुरक्षित रखने का पूरा अधिकार है।

◆भारत से पहले हमसे लड़ना होगा -इसराइल

◆भारत की ओर से लड़ेगे और तिब्बत को भी भारत में मिला देंगे -भूटान

◆बीजिंग में घुसकर चीन का ध्वज उतार देंगे -ताईवान

◆हर कदम पर रूस भारत के साथ खड़ा है -पुतिन


Chinese troops enter India in Sikkim sector, scuffle with Army jawans, destroy Indian bunkers


बात आई समझ मे ?? अरे ये तो विदेश नीति का एक छोटा सा नमूना है जिसमें भारत ने अपने दो पारंपरिक दुश्मनों को दुनिया से अलग थलग करके बेचारा बना देने का लक्ष्य बनाया है।

बात समझ आए तो ठीक वरना जैसे चल रहा है... चुपचाप देखते जाओ, बिना खोपड़ी लगाए... और हाँ, ऐसा भारी भरकम अंतर्राष्ट्रीय समर्थन हासिल करने के लिए विदेश जाना पड़ता है... ना ना मसाज कराने नहीं, दुश्मनों की गिल्लियां उड़ाने के लिए...