मनोबल को ऊंचा बनाए रखने के लिए सेना के अधिकारी ट्राइ-जंक्शन पर तैनात सैनिकों को जोश जगाने वाले संदेश देते हैं. सैनिकों को वे पूरे एहतराम से याद दिलाते हैं कि चाहे जो भी कीमत चुकानी पड़े लेकिन निशाना बनाए रखते हुए मुस्तैदी बरकरार रखनी है !
एक फौजी ऑफिसर ने कहा कि 'जब भी सैनिक अपनी ड्यूटी से लौटते हैं, वरिष्ठ अधिकारी उनसे भेंट करने का कोई मौका नहीं चूकते. हम लोग सैनिकों से बात करते हैं और उनकी चिंताओं को दूर करते हैं. अगर हमें सैनिकों में क्रोध, निराशा या बेचैनी के लक्षण दिखाई देते हैं तो हम उन्हें ड्यूटी से हटा लेते हैं !दोनों तरफ से जारी मनोवैज्ञानिक युद्ध की स्थिति सबसे बेहतरीन सैनिक को भी अपनी चपेट में ले लेती है. ऐसी तनाव भरी हालत में यह ध्यान रखना बहुत अहम है कि हर सैनिक का मनोबल ऊंचा बना रहे !

इस सैन्य अधिकारी ने बताया कि 18 जून को हुई तनातनी के बाद गंगटोक में कायम सेना की एक पूरी कंपनी डोकलाम में तैनात कर दी गई. सेना की एक कंपनी में 3 हजार सैनिक होते हैं. भारत के इस कदम के जवाब में चीन ने भी ऐसा ही किया.
हिंदुस्तानी फौजियों ने सिक्किम के पहाड़ी इलाके में हैलीपैड बनाए हैं. कुपुक और जुलुक नाम के गांव के बाशिन्दों की मदद से लंबी-लंबी झाड़ियों को हटाकर जगह चौरस कर दी गई है. सैनिक स्थानीय लोगों के साथ चाय-पान करते हुए उन्हें अपना दोस्त बना लेते हैं.

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नाथू ला : कुपुक गांव के निवासी मंगलजीत राय ने फ़र्स्टपोस्ट को बताया कि 'मेरा बेटा सेना में है. इसलिए मुझे पता है कि इन वर्दीधारी लोगों को देशसेवा करते हुए किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इन सैनिकों के कारण हमारी जिंदगी महफूज है ! मंगलजीत राय का कहना है कि जुलुप गांव के तीन नौजवानों ने सैनिकों के प्रति अपना सम्मान जताने के ख्याल से उन्हें कुछ मुर्गे भेंट किए !
गांव के बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि अगर जंग छिड़ी तो वे सैनिकों के कंधे से कंधा मिलाकर दुश्मन का मुकाबला करेंगे... पूर्व सैनिक केबी राय का कहना था कि जाड़े के दिनों की शुरुआत होने पर गांव वाले गंगटोक के बेसकैंप मे चले जाएंगे. ! लेकिन, जाट रेजिमेंट के फौजी अपनी जगह पर कायम रहेंगे, वे ट्राइ-जंक्शन तक विस्तृत सीमा-क्षेत्र की रखवाली करेंगे. वे इस बात की निगहबानी करेंगे कि उनके आगे का मंजर क्या करवट लेता है !