पद्मावती को रिशुूट कर असली इतिहास के हिसाब से बना देगें...फिर कर्णी सेना असहिष्णु हिन्दू वर्ग अट्टाहासों के घेरे में होगा !


किसी का भी ध्यान नहीं गया क्या ? सेंसर बोर्ड नाटकीय ढंग से पद्मावती फिल्म वापस करने की ओर! कुछ पत्रकारों के सामने फिल्म की स्क्रीनिंग और सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्म को वापस करने के निहितार्थ और परिणामों कि ओर किसी ने सोचा भी है क्या ?


मेरे ऑबजर्वेशन से तो पत्रकारों को निश्चय ही कुछ आपत्तिजनक लगा होगा ...... यदि ये आपत्ति सार्वजनिक होती तो विरोध करने वालों के लॉजिक पर मोहर लग जाती ...... लेकिन सेंसर बोर्ड के लोगों से मिलीभगत कर फिल्म बड़ी चालाकी से वापस ले ली गयी .... मात्र इस ऑबजेक्शन के साथ कि एप्लिकेशन पर एतहासिक/काल्पनिक ऑप्शन वाला खाना खाली छोड़ा गया था...... और फिल्म के कुछ सीन एड इरीज और हल्के फुल्के रिशूट हो सकें उसके लिए टाइम देने के लिए बहाना बना कर 'कह दिया सेंसर से पास हुये बिना पत्रकारों को क्यों दिखाई ...... '

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अव ये तो निश्चित है कि फिल्म बिलकुल राजपूताना गौरव की कहानी के साथ ही प्रसारित होगी ..... फिल्म की वापसी ही मौलिक कहानी के अनूरुप कुछ दृश्यों की अदला बदली के लिए हुयी है ......अब फिल्म तो हमारी अपेकषा के अनुरूप बन जाएगी........ लेकिन सेंसर बोर्ड और रजत शर्मा अर्णव के संयुक्त नाटक से हास्यास्पद स्थिति आखिर किसकी बनाने वाली है ? निश्चय ही फिल्म का भारी विरोध करने वाले वर्ग की ही ना ! 

अब जिस दिन पद्मावती रिलीज होगी उस दिन कर्णी सेना सहित फिल्म विरोधी सम्पूर्ण वर्ग अट्टाहासों के घेरे में होगा ....

हम लोगों को बहुत बढ़ी बदनामी देने की पटकथा पर शूटिंग कर..सेंसर बोर्ड और दो दिन से पेड वर्कर्स या विज्ञापनों की तरह फिल्म की तारीफ़ कर रहे रजत शर्मा और अर्णव ने अपनी फिल्म रिलीज कर दी है....इन तीनों के फिल्म प्रोडकसन ने हम लोगों के विरोध करने की शक्ति पर हमेशा हमेशा के लिए सवालिया निशान लगा दिया है ? 1000 1200 करोड़ का मैटर है, 100 200 करोड़ की हड्डियां कुत्तो को डाल दी होगी भांड ने फ़िल्म के प्रमोशन के लिए, तो पूछ हिलाना तो बनता है....

अब बात को समझिए... फिल्म को दुबारा रिशुूट करके वह सब कुछ असली इतिहास के हिसाब से बना देगें... फिर दुनिया को दिखाएंगे कि मैने बिलकुल सही फिल्म बनाई थी, देश के असहिष्णु हिन्दू गैर वाजिब विरोध कर रहे थे... फालतू मे गुंडागर्दी कर रहे थे... हो सकता वह भंसाली यह भी कह दे कि करनी सेना और तमाम राजपूत हिन्दू संगठन या हिन्दू संगठन विरोध के नाम पैसे ऐंठने का जुगाड़ कर रहे थे...और देश की तमाम लोग इस बात को मान भी लैगें कि हाँ भंसाली सही था... विरोध करने वाले लोग ही गलत कर रहे थे.....
साभार Kamlesh Nahar