एक बार भारत पाक की जंग चल रही थी और कुछ डेढ़ दो सौ सिक्खों की एक टुकड़ी ने कुछ हज़ार पाकिस्तानियों को रोक रखा था | पाकिस्तानी बेचारे बड़े हैरान परेशान थे, सिक्ख रास्ता छोड़ें तो आगे लाहौर में नाश्ता करके दिल्ली में खाना खाने पहुंचे | मगर सिक्ख डटे हुए थे, हारे ही ना !
आखिर पाकिस्तानियों ने इस्लामाबाद से मदद मंगाई | मगर पाकिस्तानी फौज भी तो सरकार संभालती है सो मदद भी सरकारी स्पीड से ही हुई | कहा गया पेटन टैंक पहुँचने में तीन चार दिन लगेंगे | इधर पाकिस्तानी और सिख एक दुसरे को माइक पर गालियाँ देकर दिन काटने लगे | दो ही दिन में सिक्ख कमांडर परेशान हो गया | अपने साथियों से दोपहर होते होते कहने लगा, भाई सुबह से एक भी पाकिस्तानी नहीं मारा ! मुझे तो बैठे बैठे गैस हो रही है ! अब गैस का नाम सुनकर ट्रेंच में बैठे सारे सिख घबराये | आखिर सरदार संता सिंह और सरदार बंता सिंह ने मोर्चा संभाला |
संता ने संभाली एक कोने पर रायफल और दुसरे कोने से बंता चिल्लाया, “ओये युसूफ ओये !” उधर युसूफ खड़ा हो कर बोला, “आवाज़ किसने लगाई ?” खड़े होने भर की देर थी की धांय !! सन्नाटा फ़ैल गया | थोड़ी देर बाद अब संता ने आवाज़ लगाई, “ओये मक़सूद !” मक़सूद जवाब देने उठा और बस, धांय ! देर शाम तक संता बंता लगे रहे |अगले दिन पाकिस्तानियों को समझ आ चुका था की ये सिक्ख हमारे साथ क्या कर रहे हैं | उन्होंने भी वही ट्रिक चलने की सोची | एक पाकिस्तानी चिल्लाया उधर से, “ओये सतबीर !” इधर से कोई नहीं उठा | दो तीन बार आवाज़ आई कोई खड़ा ही ना हो जवाब देने के लिए | आखिर पाकिस्तानियों ने आपस में बात शुरू की, आखिर क्या कोड है की हिन्दुस्तानी खड़े नहीं होते जवाब देने को |
चर्चा में ही दोपहर हो गई, इतने में हिन्दुस्तानी साइड से आवाज़ आई, “सतबीर को कौन ढूंढ रहा था ओये ?” पाकिस्तानी कप्तान खड़ा हुआ, “हां मैं था” और फिर, धांय !!..........बिहार चुनाव में भी वैसा ही हुआ है | “समाजवाद के समधी” धांय !! “इशरत के अब्बू” धांय !! हां भाई !! कल मोदी को कौन ढूंढ रहा था ?.......................Rajeev Rathore



मनन मान

Gajendra Pandey राष्ट्रभक्त पार्टी ( भारतीय जनता पार्टी )एक ऐसी पार्टी है जिसमे कोई जाति -धर्म नहीं है सवा सौ करोड़ भारतीय
को अपना समझती है हा एक बात जरूर हैजो राष्ट्र हित में काम करते है उन्ही को अपना समझती है तथा जो राष्ट्र विरोध में काम करते
है ऐसे लोगो को पार्टी बागी मानती है जय हिन्द जय भारत
आखिर पाकिस्तानियों ने इस्लामाबाद से मदद मंगाई | मगर पाकिस्तानी फौज भी तो सरकार संभालती है सो मदद भी सरकारी स्पीड से ही हुई | कहा गया पेटन टैंक पहुँचने में तीन चार दिन लगेंगे | इधर पाकिस्तानी और सिख एक दुसरे को माइक पर गालियाँ देकर दिन काटने लगे | दो ही दिन में सिक्ख कमांडर परेशान हो गया | अपने साथियों से दोपहर होते होते कहने लगा, भाई सुबह से एक भी पाकिस्तानी नहीं मारा ! मुझे तो बैठे बैठे गैस हो रही है ! अब गैस का नाम सुनकर ट्रेंच में बैठे सारे सिख घबराये | आखिर सरदार संता सिंह और सरदार बंता सिंह ने मोर्चा संभाला |
संता ने संभाली एक कोने पर रायफल और दुसरे कोने से बंता चिल्लाया, “ओये युसूफ ओये !” उधर युसूफ खड़ा हो कर बोला, “आवाज़ किसने लगाई ?” खड़े होने भर की देर थी की धांय !! सन्नाटा फ़ैल गया | थोड़ी देर बाद अब संता ने आवाज़ लगाई, “ओये मक़सूद !” मक़सूद जवाब देने उठा और बस, धांय ! देर शाम तक संता बंता लगे रहे |अगले दिन पाकिस्तानियों को समझ आ चुका था की ये सिक्ख हमारे साथ क्या कर रहे हैं | उन्होंने भी वही ट्रिक चलने की सोची | एक पाकिस्तानी चिल्लाया उधर से, “ओये सतबीर !” इधर से कोई नहीं उठा | दो तीन बार आवाज़ आई कोई खड़ा ही ना हो जवाब देने के लिए | आखिर पाकिस्तानियों ने आपस में बात शुरू की, आखिर क्या कोड है की हिन्दुस्तानी खड़े नहीं होते जवाब देने को |
चर्चा में ही दोपहर हो गई, इतने में हिन्दुस्तानी साइड से आवाज़ आई, “सतबीर को कौन ढूंढ रहा था ओये ?” पाकिस्तानी कप्तान खड़ा हुआ, “हां मैं था” और फिर, धांय !!..........बिहार चुनाव में भी वैसा ही हुआ है | “समाजवाद के समधी” धांय !! “इशरत के अब्बू” धांय !! हां भाई !! कल मोदी को कौन ढूंढ रहा था ?.......................Rajeev Rathore




मनन मान


Gajendra Pandey राष्ट्रभक्त पार्टी ( भारतीय जनता पार्टी )एक ऐसी पार्टी है जिसमे कोई जाति -धर्म नहीं है सवा सौ करोड़ भारतीय
को अपना समझती है हा एक बात जरूर हैजो राष्ट्र हित में काम करते है उन्ही को अपना समझती है तथा जो राष्ट्र विरोध में काम करते
है ऐसे लोगो को पार्टी बागी मानती है जय हिन्द जय भारत