Sachin Tyagi :   गोधरा में जलाये गएहिन्दुओ के परिवार की व्यथा कोकिसी चैनल किसी अख़बार ने नही दिखाया ! क्योकि .....?·
किसी तरह हिंदुस्तान मुस्लिम देश बन जाये .... हम ने बाबर को नहीं देखा ओरंगजेब को नहीं देखा लेकिन ये सब हमें रोज अपनी आँखों के सामने दिखरहे है क्यों सच से नजरे फेर रहे हो....मुजफ्फरपुर की तरह घटना गोधरा में हुयी थी 10 साल पहले अभी न जाने कितनी गोधरा का इंतिजार करोगे ! मारने से पहले नहीं पूछतेकी किस को वोट दिया था ...... ये पोस्ट खासकर उन हिन्दू भाइयो के लिए है जो नही जानते कि गोधरा कांड क्या है।27 फरवरी 2002 साबरमती ट्रेन के S6 बोगी को गोधरा स्टेशन से 862 मीटर की दूरी पर मुल्लो द्वारा जला दिया गया था.......जिसमे 58मासूम , निहत्थे, निर्दोष रामभक्तो कीदर्दनाक मौत हो गयी.......उसमे 23 पुरुष, 15 महिलाये, तथा 20 बच्चे थे।उनका "अपराध" केवल इतना था ........कि वे "हिन्दू "थे ......और श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या से तीर्थयात्रा करके लौट रहे थे।
स्थानीय कांग्रेसी निगम पार्षद हाजी बिलाल भीड़ को ट्रेन के इंजन को जलाने का आदेश दे रहा थाऔर पास की मस्जिद सेलाउडस्पीकर पर ये आदेश दिया जारहा था कि मारो......काटो.... कोई काफ़िर जिन्दा न बचे"........ दरवाज़े बहार से बंद कर दिए
गये थे ताकि कोई बाहर न निकले.......S6 S7 वैक्यूम पाइप काट दिए थे जिससे ट्रेन आगे ना बढ़ सके....... जो लोग जलती ट्रेन से किसी तरह बाहर निकल भी आये तो उन्हें तेज़ हथियारों से काट कर मार डाला।गोधरा के एक पेट्रोल पंप पर काम करने वाले 2
कर्मचारियों के अनुसार एक दिन पहले ही कुछ लोग वहां से 140 लीटर पेट्रोल खरीद कर ले गए थे। साफ़ है की रामभक्तो को जिन्दा जलाने का येएक सुनियोजित षड्यंत्र था।
गुजरात दंगो की बात गोधरा के बिनाअधूरी है। इस गोधरा कांड के बादही गुजरात में दंगे शुरू हुए थे। जरा सोचिये, हमारा हाथ जरा सा आग पर पड़ जायेतो हमें कितना दर्द होता है हम तुरंत अपना हाथ वहां से हटा लेते हैं .....उनकी जगहखुद को रखकर सोचिये कितना तडपे होंगे वो लोग वो मासूम बच्चे, औरतें , बुजुर्ग वो व्यस्क जिन्हेंपेट्रोल छिडककर ट्रेन में जिन्दा जला दिया गया।अपनी जान बचाने के लिए कितनाछटपटाये होंगेे..........लेकिन इन जल्लादो को नरपिशाचों को उन पर जरा भी दयानही आयी।मुल्लो के मरने का शोक सभी मनाते हैं.........चाहे वो सेक्युलर हिन्दू हो या राजनेता हो या मीडिया हो.......
पर गोधरा में मरे 58 निर्दोष हिन्दुओ को कोई नही पूछता.....कोई बात तक नही करता.....!!! बिकाऊ मीडिया में गोधरा के बाद हुएगुजरात दंगो की खबर खूब दिखाई
गयी लेकिन गोधरा में जलाये गएहिन्दुओ के परिवार की व्यथा कोकिसी चैनल
किसी अख़बार ने नही दिखाया.....क्योकि मरने वाले "हिन्दू" थे....

उदय तिवारी : युद्ध शास्त्र के दो मूल नियम हैं.....हमेशा याद रखें..... 1.युद्ध की जगह.. और 2.आघात का समय..जो अपनीे पसंद से निर्धारित करे.. जीत उसकी ही होती है.....
अब दंगों का आरम्भ सदैव मुस्लिम बहुल इलाकों से ही क्यों..?? कौन तय करता है ये जगह.. और समय..??सोचिये..ये युद्ध ही है जो सीमाओं से हटकर कहीँ उनके भीतर लड़ा जा रहा है.."इन" लोगों द्वारा.....आपकी तैयारी क्या है..सवाल.. अपने सहधर्मियों से.. सोचियेगा अवश्.... इससे पहले की "ये लोग" आपके दरवाजे पर खड़े हों..रक्त से भीगी तलवारें लिए.....आगे मर्ज़ी आपकी.. आखिर .. बेटियां.. बहनें हैं आपकी.....जय श्री राम..!!

============00000000000========00000000000=================

India Honest urges the nation to look into the past, as without solacing the hearts of humiliated and victimised people from all or any of the different communities, for the past cruelty and violence, we cannot the fire of revenge and hate burning within, One cannot hope for creation of better and healthy future, if one failed to remove these dangerous dividing spots from our mindset . 

It is Time to go beyond DEBATE and DISCUSSION; time to STOP being politically Correct. We need to dig deep, and extinguish the revenge fire burning within the hearts. In this context we have to watch and see, what is most prevalent views in various posts in social medias, we need to understand the undertone, before attempting find a way to heal the inflicted wound.

We have to judge the rational and justification in what Sadhvi Prachi says. "You touch us and you be prepared for the consequences." Even she may be spitting fire, but it must be seen from the perspective of the past. We need to redefine the mistakes of past and than base creation of new future of trust, love and peace and progress.




Balasaheb Thackeray was never Politically Correct, he was much HATED for that, but he was LOVED also for that, the State was forced to give him a State Funeral, 15 lakh Hindus marched with his hearse on his death. 

It was thanks to him, that Mumbai did not become Karachi( rated as one of the 10 most violent cities of the world, home to Dawood). Dawood fled the country with the help of his Secular Libtard friends after the 1993 serial bomb blasts, fearing retribution.
Time to ORGANIZE, time to SAFFRONIZE; time to make the Sickulars and their terrorist friends, squirm, as Balasaheb would say MALA HAATH LAWU NEYE - Do not TOUCH me..............Sudipta Barat : 

         


Sanjay Dwivedy : निसंदेह मैं इतना ज्ञानी नहीं। किन्तु भगवान् कृष्ण के उस ज्ञान से मैं परिचित हूँ जिसमे वह कहते हैं..."असुरों से युद्ध में असुरों द्वारा अपनाये जाने वाले अनेतिक (आज के समयानुशार अमानवीय) तरीक़ों को अपनाकर धर्म की रक्षा करना अधर्म नहीं हे।" इसका मर्म को विस्तार से बताना भी शोभनीय नहीं हे, क्योंकि असुरिक शक्तियों ने लगभग सभी सीमाये तोड़ दीं हैं। 

अपहरण, बलात्कार, जबरन धर्मान्तरण, जजिया। अंग भंग। लूटपाट आदि असुर (मुस्लिम) बहुल देशों मैं आम हे। और मेरठ की घटनाएं और पश्चिन बंगाल के हालात हिंदुओं के गरम दल बनाने के लिए काफी होनी चाहियें। हमारा युवा भी किसी से कम नहीं।यह बताने का समय आ गया हे।कि हमारा युवा भी यह सब कर सकता हे !


भले कोई कितना भी ठेकेदार बने हिन्दुओ का , पर हिन्दू ह्रदय सम्राट तो 1
ही आदमी था ,बाला साहेब ठाकरे .....खुला बोलते थे मुसलमान कैंसर है , 
और कैंसर को पाला नही जाता जब बीजेपी संघ के बड़े नेता पीछे
हटने लगे तो हाँथ ऊपर कर के बोला था , हाँ मेरे शिव सैनिको ने बाबरी

मस्जिद तोड़ी है ,और मुझे गर्व है , करो मुझ पर कारवाही
जब आतंकवादियों ने अमरनाथ और माँ वैष्णो देवी यात्रा को रोकने
की धमकी देती थी ,और भारत सरकार को भी कुछ नही सूझ
था , तब बाला साहेब ने बोला था अगर अमरनाथयात्रा रुकी तो फिर मुंबई के
छत्रपति शिवाजी एअरपोर्ट से कोईमुस्लमान हज यात्रा के लिए अरब जा के दिखा दे ,
1984 के सिख विरोधी दंगे हो या 1993 के मुंबई दंगे हिन्दुओ के लिए वहि 1
आदमी आगे आया वाकई में आज हम लोग उनको बहुत मिस कर रहे हैं......
।।शैरो कै शैर माननिय बालासाहैब ठाकरेजी कौ दिल सै जय जय श्री राम।।