THE SOCIAL MEDIA IS DEEPLY WORRIED ON IPS THAKUR & FAMILY :






Satish Kumar Singh : ठाकुर दंपत्ति की हत्या की सुपारी बाहुबली को मिली
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव पर धमकाने का आरोप लगाने वाले उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक (सिविल डिफेंस) अमिताभ ठाकुर एवं उनकी पत्नी नूतन ठाकुर ने पुलिस-आपराधिक माफिया एवं यादव परिवार के बाहुबलि माफिया गठजोड़ का भांडा फोडऩे के लिए कमर कस कर मैदान में है। तो उससे सूबे की जनता से लेकर सोशल मीडिया, इलेक्टालिक मीडिया का भरपूर समर्थन मिल रहा है। सबके सब चाहते है प्रकरण का खुलासा हो औा जो दोषी हो विधि-विधानुसार कार्रवाई हो। हालांकि अमिताभ के इस साहसी कदम से सपा की प्रताडऩा से घूट-घूट कर जी रहे लोगों में उर्जा का नया संचार हो गया है। लेकिन इससे हो रहा सपा एंड कंपनी की किरकिरी संबंधित लोगों के गले की हड्डी बनती जा रही है। ऐसे में चैतरफा हो रही किरकिरी से निजात पाने के लिए अमिताभ एवं उनकी पत्नी नूतन ठाकुर को उपर का रास्ता दिखाने की माथापच्ची तेज हो गयी है। कहा जा रहा है इसके लिए पूर्वांचल एवं पश्चिम के बाहुबलियों को सुपारी दे दी गयी है। उन्हें इस बात का खास हिदायत दी गयी है कि सांप भी मर जायं लाठी भी ना टूटे। सूत्र बताते है कि ये बाहुबलि सीधे अटैक करने की मुद्रा में नहीं है। इसके लिए वह मध्य प्रदेश में व्यापम मामले की तर्ज पर हो रही हत्याओं की तकनीकी का सहारा लेंगे।
जी हां, धमकी के बाद मुलायम सिंह यादव की हो रही किरकिरी को देखते हुए सीनियर आईपीएस अमिताभ ठाकुर एवं उनकी पत्नी नूतन ठाकुर की हत्या का ताना-बाना बुना जाने लगा है। सूत्रों पर भरोसा करे तो इसकी जिम्मेदारी सत्ता का बेहद करीबी बाहुबलि विधायक को सौंपी गयी है। सूत्र बताते है कि यह बाहुबलि ठाकुर दंपत्ति को एमपी हो रहे व्यापम की तर्ज पर मरवा सकता है। इसके लिए वह ठाकुर दंपत्ति के करीबियों को अपने शाहगिर्द में लेना शुरु कर दिया है!
उत्तर प्रदेश, भारत के नागरिको की आत्मा अगर जिँदा है तो आईये सभी अनैतिक लोगो के खिलाफ आंदोलन छेड़ा जाये। फिरोजाबाद से शुरु हुयी अमिताभ ठाकुर की ये लड़ाई अनैतिक लोगो को चूड़ीयाँ भेजकर पूरी की जाये। सबसे पहले मूकदर्शक बनी आई.पी.एस एसोसिएशन को 6रुपये मेँ 24 चूड़ियाँ भेजी जाये। फिर प्रेस क्लब को भेजी जाये। जिन लोगो को अधिकारोँ के इस युद्ध मेँ अमिताभ ठाकुर के साथ खड़ा होना चाहिए था वो चुपचाप बैठे है। हम लोग भारत के नागरिक होने के नाते मौलिक अधिकारो के इस महायुद्ध मेँ चूड़ी भेजकर सहभागिता दे। ये चूड़ी एक आम आदमी का विरोध है। देखते है सत्ता की हनक, चूड़ी की खनक के सामने क्या करती है?



