

उन आँखों की दो बूँदों से सातों समंदर हारे होंगे.., जब मेंहदी वाले हाथों ने मंगलसूत्र उतारे होंगे..!!
पठानकोट मॆ शहीद हुऐ हमारे वीर जवानो कॊ शत शत नमन
"लहु देकर #तिरंगे की .........बुलंदी को सवाँरा है फरिस्ते हो तुम वतन के .....तुम्हे #सजदा हमारा है"..
#जयहिँद.................Rahul Mishra
मर के कैसे जीते है इस दुनिया को बतलाने, तेरे लाल चले है माएं अब तेरी लाज बचाने।
हमे गर्व है अपने शहीद जवानो पर ।।........Sunil M Gupta





वक़्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमा हम अभी से क्या बताएँ क्या हमारे दिल में है!!!!!!
अंतिम विजय हमारी होगी निश्चित ये परिणाम है ।उन्हें पराजित कौन करेगा जिनके रक्षक राम हैं ।
अंतिम विजय हमारी होगी निश्चित ये परिणाम है ।उन्हें पराजित कौन करेगा जिनके रक्षक राम हैं ।
क्या जंग लगी तलवारों में, जो इतने दुर्दिन सहते होI राणा प्रताप के वंशज हो,क्यों कुल को कलंकित करते होII
आराध्य तुम्हारे राम-कृष्ण,जो कर्म की राह दिखाते थेIजो दुश्मन हो आततायी, वो चक्र सुदर्शन उठाते थेI
श्री राम ने रावण को मारा, तुम गद्दारों से डरते होI जब शस्त्रों से परहेज तुम्हे,तो राम राम क्यों जपते होI
क्या जंग लगी तलवारों में,जो इतने दुर्दिन सहते होI अंग्रेजों ने दौलत लूटी,मुगलों ने थी इज्जत लूटी I
दौलत लूटी, इज्जत लूटी, क्या खुद्दारी भी लूट लिया, गिद्धों ने माँ को नोंच लिया,तुम शांति शांति को जपते होI
इस भगत सुभाष की धरती पर,क्यों नामर्दों से रहते हो?...वंदेमातरम ।
क्या जंग लगी तलवारों में जो इतने दुर्दिन सहते होI हिन्दू हो,कुछ प्रतिकार करो,तुम भारत माँ के क्रंदन काI
यह समय नहीं है, शांति पाठ और गाँधी के अभिनन्दन काI यह समय है शस्त्र उठाने का,गद्दारों को समझाने का,
शत्रु पक्ष की धरती पर,फिर शिव तांडव दिखलाने काI इन जेहादी जयचंदों की घर में ही कब्र बनाने का,
यह समय है हर एक हिन्दू के,राणा प्रताप बन जाने का,हिन्दुस्थान की धरती पर ,फिर भगवा ध्वज फहराने का I
ये नहीं शोभता है तुमको,जो कायर सी फरियाद करोI छोड़ो अब ये प्रेमालिंगन,कुछ पौरुष की भी बात करोII
इस हिन्दुस्थान की धरती के,उस भगत सिंह को याद करो,वो बन्दूको को बोते थे,तुम तलवारों से डरते होI
क्या जंग लगी तलवारों में जो इतने दुर्दिन सहते होI इन्क़लाब जिंदाबाद !!!वन्दे मातरम!.
आराध्य तुम्हारे राम-कृष्ण,जो कर्म की राह दिखाते थेIजो दुश्मन हो आततायी, वो चक्र सुदर्शन उठाते थेI
श्री राम ने रावण को मारा, तुम गद्दारों से डरते होI जब शस्त्रों से परहेज तुम्हे,तो राम राम क्यों जपते होI
क्या जंग लगी तलवारों में,जो इतने दुर्दिन सहते होI अंग्रेजों ने दौलत लूटी,मुगलों ने थी इज्जत लूटी I
दौलत लूटी, इज्जत लूटी, क्या खुद्दारी भी लूट लिया, गिद्धों ने माँ को नोंच लिया,तुम शांति शांति को जपते होI
इस भगत सुभाष की धरती पर,क्यों नामर्दों से रहते हो?...वंदेमातरम ।
क्या जंग लगी तलवारों में जो इतने दुर्दिन सहते होI हिन्दू हो,कुछ प्रतिकार करो,तुम भारत माँ के क्रंदन काI
यह समय नहीं है, शांति पाठ और गाँधी के अभिनन्दन काI यह समय है शस्त्र उठाने का,गद्दारों को समझाने का,
शत्रु पक्ष की धरती पर,फिर शिव तांडव दिखलाने काI इन जेहादी जयचंदों की घर में ही कब्र बनाने का,
यह समय है हर एक हिन्दू के,राणा प्रताप बन जाने का,हिन्दुस्थान की धरती पर ,फिर भगवा ध्वज फहराने का I
ये नहीं शोभता है तुमको,जो कायर सी फरियाद करोI छोड़ो अब ये प्रेमालिंगन,कुछ पौरुष की भी बात करोII
इस हिन्दुस्थान की धरती के,उस भगत सिंह को याद करो,वो बन्दूको को बोते थे,तुम तलवारों से डरते होI
क्या जंग लगी तलवारों में जो इतने दुर्दिन सहते होI इन्क़लाब जिंदाबाद !!!वन्दे मातरम!.
साभार.Janardan Mishra