आपकी समस्या दूर करना , हमारी जिम्मेदारी " - Suresh Prabhu .., Ministry of Railways - India
अब आप आपकी कन्फर्म टिकट अपने माँ-बाप , भाई-बहन , बेटा-बेटी या पत्नि के नाम ट्रांस्फर कर सकते है। ..किसी कारण अगर आप सफर नही कर सकते तो ट्रेन प्रस्थान से 24 घंटा पहले एक एप्लिकेशन रिज़रवेशन ऑफिस मे देकर आप ऐसा कर सकते हैं ।
"आप AC coach मे सफर कर रहे हैं और AC ठीक काम नही कर रहा तो 8121281212 पर फोन करके बताईये...आधे घंटे के अंदर आपकी समस्या दूर की जायेगी l

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अब आप आपकी कन्फर्म टिकट अपने माँ-बाप , भाई-बहन , बेटा-बेटी या पत्नि के नाम ट्रांस्फर कर सकते है। ..किसी कारण अगर आप सफर नही कर सकते तो ट्रेन प्रस्थान से 24 घंटा पहले एक एप्लिकेशन रिज़रवेशन ऑफिस मे देकर आप ऐसा कर सकते हैं ।
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डिहाइड्रेशन का शिकार हुई बेटी, ‘प्रभु’ ने बचाई जान ! रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने एक बार फिर अपने पैसेंजर की मदद की है। इस बार कोलकाता के सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने ट्रेन में सफर के दौरान डिहाइड्रेशन का शिकार हुई बेटी के इलाज के लिए उन्हें ट्वीट किया। इस पर उन्होंने फौरन अफसरों को ऑर्डर दिए। आसनसोल स्टेशन पर बीमार बच्ची को मेडिकल केयर मिल गई। अब बच्ची की हालत बेहतर है।
खबर के मुताबिक शंकर पंडित बुधवार को भागलपुर-बेंगलुरु अंग एक्सप्रेस से पत्नी और दो साल की बेटी के साथ बेंगलुरु जा रहे थे। कुछ देर बाद बेटी बीमार हो गई। बच्ची को लगातार लूज मोशन हो रहे थे। इस वजह से वह डिहाइड्रेशन का शिकार हो गई। कम्पार्टमेंट में कई लोगों ने बच्ची की मदद की कोशिश की। लेकिन उसकी हालत बिगड़ती गई।
पंडित के मुताबिक, उनके पास काफी लगेज था। इसके अलावा, वह किसी अनजान स्टेशन पर उतरने का रिस्क भी नहीं ले सकते थे। उन्हें एक तरीका सूझा। उन्होंने रेलमंत्री को ट्वीट कर अपनी प्रॉब्लम बताई और फौरन मदद की अपील की। कुछ ही मिनट में रेलमंत्री के दफ्तर से उनके पास फोन आया। उनकी लोकेशन पूछी गई।
इसके बाद तो कई अफसरों के फोन उनके पास आने लगे। बुधवार रात 8.50 बजे ट्रेन जैसे ही आसनसोल स्टेशन पर रुकी, उनके डब्बे के कोच के सामने मेडिकल टीम मौजूद थी। बच्ची को एम्बुलेंस से डिविजनल रेलवे हॉस्पिटल लाया गया। उसका ट्रीटमेंट शुरू हुआ। हॉस्पिटल सूत्रों के मुताबिक, जब बच्ची को हॉस्पिटल लाया गया, तब उसकी हालत काफी सीरियस थी। बच्ची लगभग बेहोश थी। रेलवे की तारीफ करते हुए पंडित ने बताया कि बच्ची अब खतरे से बाहर है। उन्होंने यह भी बताया कि रेलवे ने केवल बच्ची को ही नहीं बचाया, बल्कि आसनसोल से बेंगलुरु का कन्फर्म टिकट भी उन्हें दी l .............................Mayank Agrrawal
