

अभी कुछ साल पहले की बात है ! मेरे घर के सामने बगीचे में बकरा काटने की प्रक्रिया सुरु होने वाली थी ! घर के छोटे छोटे बच्चों को पहले ही घर के अंदर कर लिया गया ! कही ये बच्चे बकरे का खून देखकर डर न जाए, विचलित न हो जाये ! जब मुझे पता चला तो मैंने घर के सभी छोटे छोटे (4 साल से ऊपर) बच्चों को ''माँ और भाभी'' को नाराज करके बाहर ले गया और जहां बकरा काटने वाला था वहां सभी को खड़ा कर दिया ! सबसे छोटे नाती 3 साल के अक्षित को गोद में उठा लिया और बकरे काटने से लेकर मांस के छोटे छोटे पीस करने तक सभी को खड़ा रखा और दिखाता रहा ! और सभी बच्चे बिना डरे -सहमे आराम से देखते रहे ! मेरे इस क्रिया का घर के किसी भी बड़े- ने गलत नहीं कहा ! बकरे काटने वाली पोस्ट भी फेसबुक में किया था चित्र सहित ! कई मित्रो ने मेरी पोस्ट का बिरोध भी किया ! एक मित्र ''अभिषेक शुक्ला जी'' Abhishek Shukla ने तो मेरी उस समय तक की सभी पोस्टों में से सबसे घटिया पोस्ट का ''तमगा'' लटका दिया था !


#JusticeForDrNarang : मेरे कहने का आसय ये है की आप सभी अपने बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से इतना मजबूत करें और मौका आये तो खून की नदिया बहाने से भी नहीं चुके ! नहीं तो जैसा डाक्टर नारंग के साथ हुआ वैसा शहरों में हर हिन्दू के साथ होने वाला है। डाक़्टर नारंग को कोई बचाने नहीं गया लडने के डर से। लडना झगडना अच्छी बात नहीं होती है यही हम हिन्दूऔं को हर कोई सिखाता है। दुसरों के मामले में नहीं पडो ये भी सिखाया जाता है। केस मुकदमे में नाम घसीटने पर जिन्दगी तबाह हो जायेगा इस बात के डर से भी हम लडाई झगड़ा नहीं करते। हमारे बाद परिवार का क्या होगा इस बात का डर भी हमारा हाँथ बाँधे रखा है। मित्रो आप जहां कहीं भी रहते हैं अपने मोहल्ले , कॉलोनी, गाँव के 16 से 30 साल के नवयुवकों की एक मीटिंग तुरंत बुलाइये, उनको दिल्ली में हुई डॉ नारंग की निर्मम हत्या के बारे में बताइये, उन्हें चेताइये ब्रुसेल्स में हुई घटना के बारे में बताइये ।


विश्व में जहां जहां '' शांतिदूतों'' (शांतिदूतों इस लिए लिखा क्योकि समूचे विश्व में आतंकी, नृसंस हत्यारा सिर्फ और सिर्फ शांतिदूत ही है) का आतंक हो रहा है उसे बताइए ये सिखाइये कि बेशर्म समंदर कभी कभी अचानक आपके घर में घुस आता है और सब कुछ बहा के ले जाता है । उसके बाद सिवाय रोने और पछताने के कुछ नहीं रह जाता । अपनी गली,मोहल्ले, कॉलोनी, गाँव , टोले, वार्ड में उत्साही और राष्ट्रवादी युवको की एक दमदार कमेटी बनाइये । ध्यान रखे सेकुलरी मानसिकता वाले युवको को नहीं ले क्योकि इनमे ''मानसिंह- जयचन्द'' का खून होता है ! इन उत्साही युवकों को एक आवाज़ में एकत्र होना सिखाइये आज ही ये काम कीजिये ! अभी, वरना कल को रोना पडेगा ।
अबैध बांग्लादेशी मुसलमानो द्वार्रों ह्त्या किये जाने पर बीजेपी के नेता आज डॉक्टर पंकज नारंग के घर गए तो आजतक और ABP न्यूज़ इसे “सियासी टूर” कह रहा है । क्यों #आजतक और #ABP_NEWS वालों राहुल गांधी और और अरविन्द केजरीवाल सहित कई सेकुलर अख़लाक़ के घर क्या अपनी बेटी का रिश्ता लेकर ‘शगुन' यात्रा पर गए थे ?
मैं चाहता हूँ की देश में शान्ति बनी रहनी चाहिए, पर मुझे नपुंसकों की जिंदगी मंजूर नहीं । अब भी समय हे हिन्दुओ ! संभल जाओ कट्टर बनो वरना ऐसे ही चुन चुन कर मरते रहोगे । तुम्हे अकेला समझ पर तुम पर सब भारी रहेंगे पर जब तुम संगठन में रहोगे के ये ''सूअर''आप पर हाथ डालने से पहले 10 बार सोचेगा ?? समझ आया हो तो ठीक है नहीं ''मरो और मरने दो'' और नारंग की पत्नी की तरह असहाय बने रहो ! डाकटर नारंग को विनम्र श्रद्धांजलि !