कुछ लोग सऊदी अरब मे माताओ बहिनो द्वारा नरेंद्र मोदी जी के साथ सेल्फी लेने से दुःखी है, कुछ लोग हिजाब का प्रश्न भी खडा कर रहे है l यह भी कह रहे है, साउदी अरब मे कोई भी पुरुष महिलाओ का चेहरा भी नही देख सकता, सऊदी अरब मे कोई भी सऊदी महिला किसी गैर मर्द के साथ पब्लिक प्लेस पर नजर नही आ सकती...इधर तो सेल्फी ले रही है।
अरे भैय्या मोदी जी गेर मर्द नही भाई है सगे भाई यह इस आदमी का जीवन दर्शन है, की कोई भी माता बहिन इसमे अपना पुत्र भाई देखती है, इस कारण कोई कानून नही टूटा.. और प्रेम स्नेह वात्सल्य की धारा इस प्रकार के बन्धनो को तोडकर बहती है यही सनातन संस्कृति का पावन सन्देश है जो पुरे विश्व को अपना परिवार मानती है।....




वसुधैव कुटुंबकम यही तो है !.............घनश्याम अग्रवाल
ह्रदय की निर्मला को निश्छलता को जितनी आसानी से कोई माता बहिन समझती है, उसे पुरुष नही समझ सकता है।एक पुराना प्रसंग है जब मुनि शुकदेव का जन्म हुआ और वे वेद व्यास जी का आश्रम छोड़कर सीधे तपस्या करने हिमालय की तरफ रवाना हो गए मार्ग मे मानसरोवर पडा जहां पर स्वर्ग की अप्सराएं वस्त्रहीन होकर स्नान कर रही थी युवा किशोर शुकदेव को देखकर उन्होंने अपने वस्त्रहीन स्नान मे कोई बाधा महसूस नही की.. उनके पीछे पुत्र मोह से ग्रसित व्यास जी शुकदेव को रोकने के लिए उसका पीछा कर रहे थे जब व्यास जी को आते देखा तो उन स्वर्ग अप्सराओ को अपने वस्त्र हीन होने का आभास हुआ और उन्होंने लज्जा की.. अंग गोपन किया वस्त्र ग्रहण किये व्यास जी जब उनसे पूछा की शुकदेव युवा है उस से तुमने कोई संकोच नही किया और मुझ जैसे ज्ञानी शिथिल गात्र (शरीर ) व्यक्ति से क्यो गोपन कर लज्जा की तब उनका जबाव था वह शरीर नही देखता है केवल आत्म तत्व देखता है उसे स्त्री पुरुष का भेद भी ज्ञान नही है वह अद्वैत हो चुका है जबकि आप महा ज्ञानी होकर भी भेद जानते है देखते है।सो बंधूवरो मोदी जी कोई रंगीले चाचा नही है एक सहज बालक है।
घनश्याम अग्रवाल