जब कोई पत्थर या ग्रेनेड चलाए तो दो ही रास्ते निकलते हैं...... एके 47 चलाएं या फिर पैलेट गन।

CRPF के DG बोले,गोलियों से मरते जवानों के बीवी-बच्चे किसके खिलाफ मानवाधिकार कोर्ट जाएं | Live IndiaCRPF के DG बोले,गोलियों से मरते जवानों के बीवी-बच्चे किसके खिलाफ मानवाधिकार कोर्ट जाएं | Live India



CRPF के DG बोले,गोलियों से मरते जवानों के बीवी-बच्चे किसके खिलाफ मानवाधिकार कोर्ट जाएं !

CRPF के DG बोले,गोलियों से मरते जवानों के बीवी-बच्चे किसके खिलाफ मानवाधिकार कोर्ट जाएं | Live India


कश्मीर में कर्फ्यू के दौरान पैलेट गन के इस्तेमाल से उपद्रवियों के घायल होने पर उनसे हमदर्दी रखने वालों पर सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल के दुर्गा प्रसाद ने पर करारा निशाना साधा है।उन्होंने कहा है कि लोग पैलेट गन से घायल उपद्रवियों के मानवाधिकारों की दुहाई दे रहे हैं मगर, वे जवान मानवाधिकार का रोना रोने कहां जाएं, जिनके कैंप पर गोला-बारूद फेंका जा रहा है। जो जवान शहीद हो रहे हैं, क्या उनके मानवाधिकार नहीं हैं। उनके बीवी-बच्चे किस कोर्ट में जाएं। 

सीआरपीएफ मुखिया बोले कि उपद्रवी सेना के कैंपों को लगातार निशाना बना रहे हैं। सुरक्षाबलों के 29 ठिकाने जला दिए गए। पत्थरबाजी में जवानों के सिर फूट रहे हैं। सेना की गाड़ियों को ग्रेनेड से उड़ाने की कोशिश हो रही है। जब सामने वाला एके-47 से गोली चला रहा है तो हमें भी जवाब देना पड़ता है। हमारे जवानों के हाथ-पैर में भी फ्रैक्चर हो रहा है, आंखें फूंट रहीं हैं, बताइए हम किसके खिलाफ मानवाधिकार कोर्ट में जाएं। 

डीजी दुर्गा प्रसाद ने पैलेट गन के इस्तेमाल को लेकर सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि हम वही इस्तेमाल कर रहे हैं, जो हमें दिए गए हैं। मौसम, हालात और उपद्रवी भीड़ को नियंत्रित करने में ही इसका इस्तेमाल हो रहा है। 
कश्मीर में अगर कोई शिक्षक या छात्र शांति मार्च निकालता तो उस पर हम कार्रवाई करते तो सवाल उठता। मगर जब पत्थर या गोली चलाए तो दो रास्ते चलते हैं। एके 47 चलाएं या फिर पैलेट गन। हां जब कोई घायल होता है तो दुख हमें भी होता है!



Kashmir must reject the Hurriyat for the sake of insaniyat....... MINHAZ MERCHANT


Parliament debated the violence in the Valley but fell short of un-peeling the layers of cause and effect in this great betrayal. Breaking his long silence, Prime Minister Narendra Modi said that young Kashmiris who should be holding books and laptops in their hands, were instead given stones to hurl. Just as India has azadi, the Prime Minister added - so does Kashmir. 

He used the word azadi, which resonates strongly in the Valley, as a metaphor: Kashmiris are as free as other Indians. It was a call to all Kashmiris to join the Indian mainstream and reject the false narrative of those who wish to damage the plural and pacifist Sufi culture in which Kashmir has been immersed for centuries.