नम्रता से बोलना, हर एक का आदर करना, शुक्रिया अदा करना और माफ़ी माँगना,
ये चार गुण जिस व्यक्ति के पास है, वो सब के क़रीब और सब के लिए खास होता है !


*मीराबाई कृष्णप्रेम में डूबी पद गा रही थी। एक संगीतज्ञ को लगा कि वह सही राग में नहीं गा रही है*
*वह टोकते हुये बोले: "मीरा, तुम राग में नहीं गा रही हो।*
*मीरा ने बहुत सुन्दर उत्तर दिया: "मैं राग में नहीं, अनुराग में गा रही हूँ।*
*राग में गाउंगी तो दुनियां मुझे सुनेगी*
*अनुराग में गाउंगी तो मेरे कान्हा मुझे सुनेंगे।*
*मैं दुनियां को नही, अपने श्याम को रिझाने के लिये गाती हूँ।*
*रिश्ता होने से रिश्ता नहीं बनता,*
*रिश्ता निभाने से रिश्ता बनता है।*
*"दिमाग" से बनाये हुए "रिश्ते"*
*बाजार तक चलते हैं,,,!*
*"और "दिल" से बनाये "रिश्ते"*
*आखरी सांस तक चलते हैं*... Uday Narayan Singh
ये चार गुण जिस व्यक्ति के पास है, वो सब के क़रीब और सब के लिए खास होता है !

हमें कल क्या चाहिए उसके लिए आज मेहनत, प्रयास, रणनीति बनानी चाहिए
हम जितनी मेहनत करते हैं परिणाम उतना ही मिलता है......Rishikesh Pranita Singh


*मीराबाई कृष्णप्रेम में डूबी पद गा रही थी। एक संगीतज्ञ को लगा कि वह सही राग में नहीं गा रही है*
*वह टोकते हुये बोले: "मीरा, तुम राग में नहीं गा रही हो।*
*मीरा ने बहुत सुन्दर उत्तर दिया: "मैं राग में नहीं, अनुराग में गा रही हूँ।*
*राग में गाउंगी तो दुनियां मुझे सुनेगी*
*अनुराग में गाउंगी तो मेरे कान्हा मुझे सुनेंगे।*
*मैं दुनियां को नही, अपने श्याम को रिझाने के लिये गाती हूँ।*
*रिश्ता होने से रिश्ता नहीं बनता,*
*रिश्ता निभाने से रिश्ता बनता है।*
*"दिमाग" से बनाये हुए "रिश्ते"*
*बाजार तक चलते हैं,,,!*
*"और "दिल" से बनाये "रिश्ते"*
*आखरी सांस तक चलते हैं*... Uday Narayan Singh


*अगर भूल से कभी आपको* *गर्व हो जाये की मेरे बिना तो*
*यहाँ काम चल ही नहीं सकता..* *तब आप अपने घर की दीवारो पर*
*टंगीअपने पूर्वजो की तस्वीरो की**तरफ देख लेना तथा सोचना की क्या*
*उनके जाने से कोई काम रुका है.?* *जवाब आपको स्वतः ही मिल जायेगा*
*चुरासी लाख योनियो में,* *एक इंसान ही पैसा कमाता है ।*
*अन्य कोई जीव कभी भूखा नहीं मरा,* *और इंसान जिसका कभी पेट नहीं भरा !!*...Bablu Mishra