बाघेलजी की जुबानी अपने हिंदुस्तानी जनता की दुखभरी कहानी !!

आओ बच्चों तुम्हे दिखायें,शैतानी कांग्रेस की। कांग्रेसियों से बहुत दुखी है,जनता हिन्दुस्तान की।।
कांग्रेस के नेता शामिल हैं,घोटालों की थाली में। सूटकेश भर के चलते हैं,अपने यहाँ दलाली में।।


देश-धर्म की नहीं है चिंता,चिन्ता निज सन्तान की। कांग्रेसियों से बहुत दुखी है,जनता हिन्दुस्तान की।।
चोर-लुटेरे भी अब देखो,सांसद और विधायक हैं। सुरा-सुन्दरी के प्रेमी ये,सचमुच के खलनायक हैं।।

भिखमंगों में गिनती कर दी,भारत देश महान की। कांग्रेसियों से बहुत दुखी है,जनता हिन्दुस्तान की।।
जनता के आवंटित धन को,कांग्रेसी खा जाते हैं। बाकी में ये अफसर सारे,मिलकर मौज उड़ाते हैं।।

लूट-खसोट मचा रखी है,सरकारी अनुदान की। कांग्रेसियों से बहुत दुखी है,जनता हिन्दुस्तान की।।
थर्ड क्लास अफसर बन जाता,फर्स्ट क्लास चपरासी है। होशियार बच्चों के मन में,छायी आज उदासी है।।

अनपढ़ तो नेता बन जाता,सुनो कथा अभिमान की। कांग्रेसियों से बहुत दुखी है,जनता हिन्दुस्तान की।।
आओ बच्चों तुम्हें दिखायें,शैतानी शैतान की.... कांग्रेसियों से बहुत दुखी है,जनता हिन्दुस्तान की ll
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जनता हिन्दुस्तान की......जनता हिन्दुस्तान की.......Nageshwar Singh Baghel





Nageshwar Singh Baghel :  मेरे गाँव में 95% बाघेल राजपूत ही है ! आये दिन गाँव के सजातीय परिवार में मनमुटाव चलते रहते तो पिता जी ने बगल के गाँव में जहां पर हमारी बहुत सी जमीन थी वहां पर घर बना लिया ! इस गाँव में मेरा ही एकमात्र घर ''राजपूत'' का है बाकी 50% कुर्मी समाज (पेटल, पाटीदार, कुनबी) बाकी में 30% चमार 10% बसोर (भंगी) बाकी 10 % में अन्य जातियाँ जैसे तेली,लोहार,कलार,कोइरी आदि है ! एक घर ब्राह्मण का भी है ! 
कुर्मी समाज के लोग अपने कुए में किसी भी चमार या भंगी को पानी नहीं भरने देते ! चमारों ने कुआं अलग बना लिया ! चमार भी अपने कुए में किसी भंगी को पानी नहीं भरने देते ! भंगी बेचारे गाँव से 2 किलोमीटर दूर नदी में नहाने जाते और नदी का ही पानी पीने के लिए लाते !

मेरे पिता जी से जब बसोरो की परेसानी नहीं देखि गई तो सरपंच से बोलकर हैण्डपम्प लगवा दिया ! गर्मी में गाँव के कुए जब सुख जाते है तब लगभग पूरा गाँव मेरे ट्यूबबेल से पानी भरता है पर यहाँ भी बेचारे बसोरो का नंबर सबसे आखिरी में आता है ! सच तो ये है की समाज में सभी जगह ये उच-नीच की भवना ब्याप्त है ! 

यहाँ तक की निम्न जातियों में या भावना और बहुत गहरी है ! जिसे हम सभी को कम करना होगा तभी हिन्दू समाज में एकजुटता आएगी ! और हिन्दू समाज एकजुट हुआ तभी इन कांगियों, वामियों के दामाद ''शांतिदूतों'' से हिन्दू समाज बचेगा !