अदालत ने माना कि जेटली पर लगाए गए आरोप न केवल अपमानजनक और निरादर वाले हैं बल्कि ये भड़काऊ भी हैं।




दिल्ली के सियासी क्षितिज पर अपनी चमक बिखेरने से पहले Arvind Kejriwal एक आंदोलनकारी की भूमिका में दिखाई देते थे. वो आंदोलनकारी जो देश से भ्रष्टाचार हटाने के लिए जंग लड़ रहा है. दिल्ली की गद्दी मिलने के बाद  अरविंद केजरीवाल का वो रूप देखने को नहीं मिला। हालांकि अरविंद केजरीवाल ने अपनी शैली के मुताबिक सियासी लोगों पर आरोप लगाने सिलसिला नहीं छोड़ा।
केंद्र की सत्ता में जब कांग्रेस थी तो केजरीवाल के निशाने पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी रहते थे, निजाम बदला और बीजेपी ने केंद्र में सरकार बनाई, उसके बाद से अरविंद केजरीवाल का टारगेट बीजेपी बन गई। बीजेपी के बड़े नेताओं पर हमला करने की रणनीति के तहत अरविंद केजरीवाल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर आरोप लगाए।
arvind kejriwal
डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार को लेकर Arvind Kejriwal और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने अरुण जेटली और उनके परिवार पर गंभीर आरोप लगाए. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केजरीवाल और आप नेताओं के आरोप पर मानहानि का केस ठोंक दिया।
जेटली का मानहानि केस में Arvind Kejriwal और आम आदमी पार्टी के 5 नेताओं के खिलाफ हैं। इस मामले में कोर्ट में सुनवाई चल रही है. फिलहाल सुनवाई को 18 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया है।
सुनवाई के दौरान जो बात सबसे ज्यादा प्रमुख थी वो ये है कि अदालत ने अरुण जेटली पर लगाए गए आरोपों पर गौर किया। गौर करने के बाद कोर्ट ने पाया कि जेटली पर लगाए गए आरोप अपमानजनक और मानहानि की श्रेणी में आते हैं। अदालत ने कहा कि जेटली पर लगाए गए आरोप ने केवल अपमनजनक और निरादर वाले हैं बल्कि ये भड़काऊ भी हैं।
अरुण जेटली पर Arvind Kejriwal और आम आदमी पार्टी के आरोप पर कोर्ट ने अपने 30 पन्ने के आदेश में कहा है कि अभिव्यक्ति की आजादी पूर्ण अधिकार नहीं है। इसमें कुछ तर्कसंगत पाबंदिया भी हैं, मानहानि का कानून उनमें से एक है।  


कोर्ट का ये आदेश आम आदमी पार्टी और Arvind Kejriwal के लिए अच्छे संकेत नहीं है. डीडीसीए मामले को लेकर केजरीवाल एंड पार्टी ने खूब जोर शोर से जेटली पर आरोप लगाए थे. अरुण जेटली के मानहानि केस पर भी आप ने कहा था कि वो इन धमकियों से डरने वाले नहीं है।
डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार की जांच के लिए दिल्ली सरकार ने एक समिति का भी गठन किया था। उस समिति की रिपोर्ट में भी अरुण जेटली का नाम नहीं था। 247 पेज की रिपोर्ट में ये बात मानी गई थी कि कोटला स्टेडियम में कॉरपोरेट बॉक्स के निर्माण में आर्थिक गड़बड़ियां पाई गई लेकिन अरुण जेटली के डीडीसीए अध्यक्ष रहते हुए किसी तरह के घोटाले का जिक्र नहीं किया गया था।
अब जबकि ये बात सामने आ रही है कि कोर्ट ने Arvind Kejriwal के आरोपों को अपमानजनक और मानहानि की श्रेणी में माना है l कोर्ट ने माना, जेटली पर Arvind Kejriwal के आरोप अपमानजनक और भड़काऊ ! साफ है कि अरुण जेटली का ये दावा कि उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं वो सच्चाई की तरफ बढ़ते दिखाई दे रहे हैं।

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